
नयी दिल्ली। भारत के खिलाफ जासूसी मामले में एक और नाम सामने आया है। ये नाम है सपा सांसद मुनव्वर सलीम के निजी सहायक फरहत का। खबर है ये शख्स 20 सालों से यहां रहकर देश की जड़ें खोद रहा था। मामले में दिल्ली पुलिस ने इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। जासूसी के मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है। इससे पहले इस मामले में पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मी को देश से निष्काषित किया जा चुका है। फिलहाल अभी फरहत को 10 दिनों की पुलिस रिमांड में रखा गया है।
भारत के खिलाफ जासूसी
पुलिस ने बताया कि फरहत को शुक्रवार की रात हिरासत में लिया गया था और उससे पूछताछ के बाद शनिवार दोपहर बाद गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में कई अन्य नाम भी सामने आये हैं। पुलिस ने जानकारी दी कि मुनव्वर सलीम के निजी सहायक करीब 20 साल से पाकिस्तानी खुफिया विभाग आइएसआइ के लिए काम कर रहा था।
मालूम हो कि दिल्ली पुलिस इस मामले से जुड़े उन अन्य लोगों को भी पकड़ने की कोशिश कर रही है, जो पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मी महमूद अख्तर के करीबी थे। अख्तर को 26 अक्तूबर को गोपनीय दस्तावेज लेते हुए पकड़ा गया था। अख्तर के साथ दो अन्य व्यक्ति मौलाना रमजान और सुभाष जांगीड़ भी थे, जो राजस्थान के नागौर के रहनेवाले हैं। एक अन्य आरोपी शोऐब को जोधपुर में पकड़ा गया था।
अख्तर को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने तीन साल पहले नियुक्त किया था। बाद में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग भेज दिया। वह यहां वीजा विभाग में काम करता था, ताकि उसे ऐसे लोग मिल सके, जिससे वह जासूसी करा सके।
पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मी महमूद अख्तर से पूछताछ के दौरान, फरहद खान का नाम जासूसी गिरोह में उसके प्रमुख सहयोगी के रूप में सामने आया। टीवी चैनलों ने भी महमूद अख्तर का एक कथित वीडियो दिखाया, जिसमें उसने फरहत के अलावा सैयद फारुक, खादिम हुसैन और शाहिद इकबाल नजर आ रहे हैं।
सपा सांसद मुनव्वर का इस मामले में कहना है कि फरहत को काम पर रखने से पहले पूरी तरह से जांच की थी। अब जो भी उचित आदेश होगा या जो भी सहयोग हो सकेगा उसके लिए ने पूरी तरह से तैयार हैं।