बंदूक को नहीं कलम को अपनी ताकत बनाएं : DGP
एजेन्सी/रांची। बीते दिनों नक्सिलयों के गढ़ वाले इलाकों से 24 बच्चों को छुड़ाया गया। ऐसे में जाहिर है ये बच्चे सहमे हुए होंगे। झारखंड के डीजीपी डी के पांडे रविवार को हेलीकॉप्टर से बिशुनपुर पहुंचे। उनके साथ राज्य के कई पदाधिकारी भी थे। जमटी गांव के इन बच्चों से डीजीपी ने मिलकर उनका हौसला बढ़ाया। पांडे ने बच्चों में उत्साह भरा और शिक्षा की ताकत का पाठ पढ़ाया। उन्होने बच्चों को तोहफे भी दिए। मौके पर पहुंचे डीजीपी ने बच्चों से कहा कि आप बच्चे देश का भविष्य है। बंदूक को नहीं कलम को अपनी ताकत बनाएं। आपको कम से कम मैट्रिक और इंटर तक तो पढ़ना ही चाहिए, ताकि आप पुलिस की बहाली में हिस्सा लेकर देश की सेवा कर सकें। डीजीपी ने यह जानकारी भी दी कि जोरी, बनालात व पेशरार में जल्द ही आवासीय स्कूल खोला जाएगा। बच्चों को नक्सलियों द्वारा जबरन उठाकर ले जाने के मामले में डीजीपी ने कहा कि जो नक्सली बच्चों को जबरन उठकर अपने संगठन में शामिल करने के उद्देश्य से ले जा रहे है, उन्हें विफल करने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। पांडे ने बताया कि इससे निपटने के लिए पुलिस पिकेट की स्थापना की जाएगी। बिशुनपुर प्रखंड में डीजीपी ने पुलिस पिकेट का उद्घाटन भी किया। यह पुलिस कैंप नक्सलियों के गढ़ में बनाया गया है। उन्होने कहा कि बहुत जल्द बच्चों का अपहरण करने वाले नक्सली नकुल यादव का सफाया किया जाएगा।