
मांसाहारी भोजन में सबसे ज्यादा अगर कुछ फायदा करता तो वो है मछली. आपने अक्सर ये सुना होगा कि मछली में बहुत से पोषक तत्व व विटामिन पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है. साथ ही मछली की तासीर गर्म होती है जो शरीर को गर्मी प्रदान करती है.
लेकिन अगर हम आपसे कहें कि मछली जितना हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है उतनी ही नुकसानदायक. तो ये जानकर आपको आश्चर्य तो जरुर होगा. लेकिन ये बात बिल्कुल सही है. दरअसल जो लोग मछली खाने के शौकीन हैं वो मछली हर मौसम में खाना पसंद करते हैं. लेकिन मानसून में मछली खाना सेहत के लिए परेशानी पैदा कर सकता है.
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प्रजनन का समय
मानसून में मछलियां और सभी समुद्री जीव अंडे देते हैं. ये समय उनके प्रजनन का होता है. ऐसे में मछली खाने से पेट में इंफैक्शन और फूड पोइजनिंग हो सकती है.
कैमिकल्स का छिड़काव
मानसून में मछलियों को अधिक देर तक स्टोर करके रखने के लिए उन पर कैमिकल्स का छिड़काव किया जाता है जिससे इन्हें खाने से हार्ट प्रॉब्लम हो सकती है. इसीलिए इस मौसम में मछली खाने को नजरअंदाज करें.
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दूषित पानी
बारिश के मौसम में सारा दूषित पानी नदियों और तालाब में डाला जाता है इस प्रकिया के बाद तालाब का पानी प्रदूषित हो जाता है और इस पानी में रहने वाली मछलियां भी दूषित हो जाती हैं जिन्हें खाना खतरे से खाली नहीं होता.
ताजी मछली
अक्सर देखा जाता है कि बारिश के दिनों में ताजी मछली नहीं मिलती बल्कि इन्हें पहले से ही पैक और स्टोर कर के रखा जाता है. जिससे मछली अपने अंदर के सभी पोषक तत्वों को खो देती है और जल्दी खराब हो जाती है.