दिखें ये 5 लक्षण तो नवजात को तुरंत ले जायें डॉक्टर के पास…

एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हार्ट अटैक से मौत होने के बाद एक बार फिर दिल की सेहत के प्रति लोग चिंतित नजर आएं. यह बात तो सब जानते हैं कि देश में 3 करोड़ से ज्यादा लोग दिल से जुड़ी बीमारियों के शिकार हैं.

पिछले साल हुए एक सर्वे की मानें तो देश में हर साल 3 सेकेंड में किसी ना किसी इंसान की हार्ट अटैक से मौत होती है. इसमें से 50 फीसदी लोग 50 साल से अधिक उम्र वाले हैं और 25 फीसदी लोग लगभग 40 साल की उम्र के होते हैं.

पर सवाल उठता है कि क्या कोई नवजात शिशु भी इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकता है.तो आपको बता दें कि आपके इस सवाल का जवाब हां में हैं. आप सोच रहे होंगे कि भला किसी छोटे बच्चे को ये बीमारी कैसे हो सकती है?

इस शख्स के अय्याशी के किस्से चौंका देंगे आपको, जाने कौन है ये …

आइए जानते हैं नवजात बच्चों में दिखाई देने वाले ऐसे 5 लक्षण, जो बच्चे के हद्य रोग से पीड़ित होने का संकेत देते हैं.

ज्यादा पसीना आना-
हृदय रोग से पीड़‍ित बच्चोंख को मां का दूध पीते समय बहुत पसीना आता है. इसके अलावा इस समय उसे सांस लेने में तकलीफ भी महसूस हो सकती है. ऐसी अवस्था में तुरंत बच्चे के चिकित्सक से संपर्क करें.

फेफड़ों में बार-बार इंफेक्शन-
जन्म़जात हृदय रोग से पीड़ित बच्चोंं में बार-बार फेफड़ों के संक्रमण होने का खतरा बना रहता है. ऐसे में बच्चे को बार-बार होने वाली खांसी, सांस में घरघराहट होने पर तुरंत उसके चिकित्सक से संपर्क करें.

स्तनपान न करना-
शारीरिक रूप से सेहतमंद शिशु स्तनपान करने के अलावा दिन में 15 से 16 घंटे तक सोते हैं. लेकिन जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित शिशु स्तनपान नहीं करते हैं. जिसकी वजह से उसका वजन तेजी से घटने लगता है.

सूजन-
अगर शिशु को जन्म से ही हृदय संबंधी कोई परेशानी है, तो संभव है कि उसमें सूजन जैसी समस्या देखी जा सकती है.

शरीर में नीलापन-
शिशु में हृदय संबंधी गंभीर समस्या होने पर उसके शरीर में नीलापन दिखाई दे सकता है. दिल से जुड़े विकार की वजह से शरीर में मौजूद अस्वच्छ नीला खून, साफ लाल खून में मिलकर पूरे शरीर में प्रवाहित होने लगता है. ऐसी स्थिति में शरीर के अंग जैसे मुंह, कान, नाखूनों और होठों में नीलपन दिखाई देने लगता है. ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.

LIVE TV