-अभिनव त्रिपाठी
पूरी दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दहशत मचा रखी है। ओमिक्रॉन का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अभी तक दुनिया भर के 128 देश मे ओमिक्रॉन के मामले की पुष्टि हुई है। जिसकी वजह से दुनिया भर को आगाह करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि ओमिक्रॉन को हमे कमजोर समझने की गलती नहीं करनी चाहिए।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा की इसे ठंड का मौसम नहीं समझना चाहिए। यह खतरनाक तरीके से लोगों को संक्रमित कर रहा है। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था में हलचल मच सकती है। साथ ही साथ स्वामीनाथन ने वैश्विक स्तर पर एक अपील की है। उन्होंने कहा की अत्यधिक संख्या में मरीजों की जांच। सलाह और निगरानी कर रहे सभी प्रकार के संसाधन में मजबूती प्रदान करने की जरूरत है। क्योंकि देश में ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या कभी भी अचानक से बढ़ सकती है।
ओमिक्रॉन भी खतरनाक- प्रमुख विषाणु वैज्ञानिक
इस मामले में जो रिपोर्ट मिली है उसमे यह बताया गया कि ओमिक्रॉन से अस्पताल पहुंचने का जोखिम बहुत कम है। इस वायरस को लेकर विषाणु वैज्ञानिक और कोविड -19 टेक्निकल टीम की प्रमुख मारिया वेनकरखोवे ने बताया की ओमिक्रॉन कोई सामान्य तौर पर होने वाली सर्दी नहीं है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा की भले ही डेल्टा के मुकाबले मे इससे संक्रमित होने वाले लोगों मे अस्पताल पहुचने का खतरा कम हो पर इसे कमजोर नहीं समझना चाहिए क्योंकि इसके मामले तेजी से बढ़ रहे है। उन्होंने कहा की डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों वायरस से संक्रमित लोग बहुतायत मात्र मे अस्पताल पहुच रहे है और कितने लोग तो दम तोड़ रहे है। हम अपना जीवन बचाने के लिए संक्रमण को रोक सकते है। इसलिए हमे वैक्सीन लगवाने की जरूरत है।
ओमिक्रॉन नेचुरल वैक्सीन नहीं
लोगों का मानना यह है की ओमिक्रॉन डेल्टा के मुकाबले ज्यादा खतरनाक नहीं है। लोग इसे ठंड के दिनों की सामान्य सर्दी समझ रहे है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह वायरस प्राकृतिक वैक्सीन की तरह कार्य करेगा। लेकिन इस बात को मानने से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इनकार कर दिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा की ओमिक्रॉन किसी भी वैक्सीन की तरह नहीं है। अभी तक कोई ऐसी रिसर्च नहीं हुई जिसके आधार पर हम यह दावा कर सकते है कि ओमिक्रॉन वैक्सीन की तरह कार्य करेगा।