भारत के इंकार के बाद अब उतरने वाले हैं पाकिस्तान के कपड़े

कपास का कारोबार  इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच कपास का कारोबार मौजूदा तनाव के कारण प्रभावित हुआ है, जो सालाना 82.20 करोड़ डॉलर का है। डॉन ने सोमवार को पाकिस्तान के कपास आयुक्त खालिद अब्दुल्ला के हवाले से कहा है कि हालांकि कम मात्रा में व्यापार अब भी जारी है।

अखबार के अनुसार, लेकिन अधिकांश पाकिस्तानी खरीददार भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी को देखते हुए राष्ट्र के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए भारत से कपास नहीं खरीद रहे हैं।

अखबार ने कहा है कि भारतीय निर्यातक भी कपास बेचने से इनकार कर रहे हैं। पाकिस्तान की धागा तैयार करने वाली कंपनियां भारतीय कपास की सबसे बड़ी खरीददार हैं।

डॉन के अनुसार, “पाकिस्तान से इस वर्ष कम आयात के कारण भारतीय निर्यात को नुकसान पहुंच सकता है। इससे कपास निर्यात करने वाले प्रतिद्वंद्वी देश जैसे ब्राजील, अमेरिका और कुछ अफ्रीकी देशों को मदद मिल सकती है।”

कपास का कारोबार पाक में ठंडा

पाकिस्तान के उद्योगों के लिए कच्चा माल दूसरे देशों से खरीदना अधिक माल भाड़े की वजह से महंगा पड़ सकता है।

अखबार के मुताबिक, यह व्यापार ऐसे समय में स्थगित किया गया है, जब पाकिस्तान के कपास के उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत की कमी आई है।

पाकिस्तान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कपास उपभोक्ता देश है। यहां सितंबर से आयात शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार अब तक गतिविधि बहुत कम है।

अखबार के अनुसार, कराची के बाजार में भारतीय सामानों की आवक बगैर मूल्य बढ़ोतरी के किसी कमी या बाधा के जारी है। दुकानदार भारतीय प्रसाधन सामग्री और गहने पहले की तरह ही बेच रहे हैं और ये आसानी से उपलब्ध हैं। दालें, मसाले और सूखे मेवे भारत से पहुंच रहे हैं।

द्विपक्षीय व्यापार भारत के पक्ष में है। वर्ष 2015-16 में पाकिस्तान से भारत को निर्यात घटकर 40 करोड़ डॉलर रह गया, जबकि उसके पहले 2014-15 में यह 41.5 करोड़ डॉलर का था। वहीं भारत का पाकिस्तान को निर्यात इसी अवधि में 27 प्रतिशत बढ़ कर 1.8 अरब डॉलर पहुंच गया।

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