ऐतिहासिक ही नहीं धार्मिक रुप से भी महत्वपूर्ण है ये नगरी, दर्शन को लगती है श्रद्धालुओं की भीड़
पुरी उड़ीसा राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है। इसे जगन्नाथ पुरी के नाम से भी जाना जाता है। भारत में पुरी चार धामों में से एक है, जो अपनी लोकप्रियता के कारण काफी माना जाता है। कहा जाता है कि भारत में हिंदू तीर्थ यात्रा पुरी के दर्शन बिना अधूरी है। जगन्नाथ मंदिर भारत का एकमात्र मंदिर है जहां राधा, दुर्गा, लक्ष्मी, पार्वती, सती, और शक्ति सहित भगवान कृष्ण भी वास करते हैं। सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि प्राकृतिक सुदंरता होने के साथ यह पर्यटको के बीच काफी फेमस है। जगन्नाथ पुरी को पुरुषोत्तम पुरी, पुरुषोत्तम क्षेत्र, पुरुषोत्तम धाम, नीलाचल, नीलाद्रि, श्रीश्रेष्ठ और शंखश्रेष्ठ जैसे मानों से भी जाना जाता है।

जगन्नाथ मंदिर
पुरी का जगन्नाथ मंदिर भगवान श्रीकृष्ण का विशेष धार्मिक स्थान माना जाता है। जो प्राचीन और ऐतिहासिक है। जगन्नाथ शब्द का मतलब है जगत का स्वामी। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। इस मंदिर में गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाया जाता है।

जगन्नाथ यात्रा
जगन्नाथ यात्रा सिर्फ यात्रा नहीं पुरी का विशेष त्योहार है। इसमें शामिल होने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनने पर आप एक बेहद ही खूबसूरत और समृद्ध अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। रथयात्रा में सबसे आगे बलरामजी का रथ, उसके बाद बीच में देवी सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण का रथ होता है,इसे उनके रंग और ऊंचाई से पहचाना जाता है। बलरामजी के रथ को ‘तालध्वज’ कहते हैं, जिसका रंग लाल और हरा होता है। देवी सुभद्रा के रथ को ‘दर्पदलन’ या ‘पद्म रथ’ कहा जाता है, जो काले या नीले और लाल रंग का होता है, जबकि भगवान जगन्नाथ के रथ को ‘ नंदीघोष’ या ‘गरुड़ध्वज’ कहते हैं। इसका रंग लाल और पीला होता है।