स्‍थापना दिवस : शहीदों के स्मरण के साथ उत्तराखंड के उदय का आगाज

उत्तराखंडदेहरादून। उत्तराखंड के 17वें स्थापना दिवस के अवसर पर अमर उजाला की ओर से आयोजित किए जा रहे उत्तराखंड उदय कार्यक्रम की शुरूआत बृहस्पतिवार को राज्य आंदोलन के शहीदों के भावपूर्ण स्मरण के साथ हुई।

कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर महापौर विनोद चमोली समेत राज्य आंदोलनकारियों, बार एसोसिएशन पदाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

बृहस्पतिवार को शहीद स्मारक पर महापौर विनोद चमोली, वरिष्ठ आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती, बार एसोसिएशन सचिव अनिल गांधी, एसपी सिटी अजय सिंह और सीओ सिटी मनोज कत्याल ने दीप जलाकर शहीदों को नमन किया। उन्होंने शहीदों के चित्रों पर पुष्प अर्पित किए।

उन्होंने राज्य स्थापना दिवस पर शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए योगदान देने का आह्वान किया। इस अवसर पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रविंद्र प्रधान, प्रभात डंडरियाल, प्रवीन गुसांई, द्वारिका बिष्ट, सोना राणा, विनोद असवाल, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल, सह सचिव भानु प्रताप सिसौदिया, ऑडिटर आशुतोष गुलाटी, पुस्तकालयाध्यक्ष आरएस भारती, विनोद, नितिन वशिष्ठ, पूजा खन्ना, सुजाय बोस, राजीव शर्मा, देवी प्रसाद अंथवाल, अनुज राठी, संजीव शर्मा समेत अन्य मौजूद रहे।

शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने को सभी को अपनी निजी महत्वाकांक्षा का त्याग करना होगा। तभी प्रदेश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा। उत्तराखंड उदय के आगाज पर महापौर विनोद चमोली ने यह बात कही। अमर उजाला के कार्यक्रम की सराहना कर कहा कि ऐसे कार्यक्रम लोगों को प्रदेश के विकास को आगे आने को प्रेरित करते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश बनने के सोलह साल बाद भी प्रदेश बौद्धिक, प्राकृतिक एवं मानव संसाधनों की तुलना में विकास नहीं कर पाया है। सत्ता संघर्ष के कारण यह विकास अब तक अवरुद्ध है। प्रदेश बनने के बाद जिन लोगों को अधिक लाभ मिला, उन्हीं लोगों में समर्पण भाव की कमी दिखाई दी। उन्होंने प्रदेश को देवभूमि संस्कृति के नाते विकसित करने की सलाह सरकार को दी, न कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर।

शहीदों के बलिदान के कारण ही हम आज अलग उत्तराखंड राज्य का स्थापना दिवस मना पा रहे हैं। शहीदों और आंदोलनकारियों ने लाठियां सही, गोलियां खाई और सड़कों पर उतरकर संघर्ष किया लेकिन हार नहीं मानी।

 

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