
कर्नाटक में एक अफवाह के कारण लोगों ने बिरयानी से दूरी बना ली है. दरअसल, यहां ऐसी अफवाह उड़ी हुई है कि उदिपी और शिवामोगा शहर के होटलों में मिलने वाली चिकन और मटन बिरयानी में कुत्तों का मीट इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि, प्रशासन और होटल संचालकों ने इस बात को सिरे से खारिज किया है.
बताया जा रहा है कि यह अफवाह करवार के मुंडली गांव में 90 वर्षीय महिला की मौत के बाद फैली है. जिनकी पांच दिन पहले कुत्ते के काटने से मौत हो गई थी. इसके बाद कुत्तों के हमलों से परेशान लोगों ने इसकी शिकायत प्रशासन से की.
कुत्तों को मारने पर पाबंदी होने की वजह से प्रशासन ने कोयम्बटूर से कुत्ते पकड़ने के लिए डॉग कैचर्स को बुलाया. उन्होंने करीब 22 कुत्ते गांव से पकड़े और उन्हें वो मुटल्ली ग्राम पंचायत छोड़ने के लिए पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के बाद कुत्तों को भटकल और उदिपी के जंगलों में छोड़ा गया.
इस पूरे घटनाक्रम में मोड़ तब आया जब कुत्तों को ट्रक में भरकर ले जाते हुए वीडियो किसी ने सोशल मीडिया पर डाला. साथ ही इसके यह मैसेज वायरल कर दिया कि कुत्तों के मांस की बिरयानी बनाने के लिए ट्रक में भरकर ले जाया जा रहा है.
बस फिर क्या था. कुत्ते को ट्रक में भरकर ले जाते हुए वीडियो उदिपी और शिवामोगा शहर में आग की तरह फैला. लोगों ने होटल और मीट की दुकानों से दूरी बना ली.
कई लोकल साइट्स और अखबारों ने भी कुत्ते के मांस से बिरयानी बनाने की खबर बिना चैक किए चलाई. इससे लोग और भी डर गए और चिकन और मटन खरीदना बंद कर दिया.
दुकानदारों का कहना है कि जून से अगस्त तक मछली पकड़ने पर बैन होने पर चिकन और मटन की अच्छी सप्लाई हो रही थी, लेकिन ‘भो-भो बिरयानी’ कुत्ते के मांस की बिरयानी की अफवाह ने बिजनेस मंदा हो गया.
फ़ूड डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान ना दें. उनका कहना है कि चिकन और मटन बिरयानी में कुत्ते का मांस इस्तेमाल नहीं हो रहा है.
फिलहाल भटकल पुलिस ने मामले पर संज्ञान लेते हुए वीडियो के जरिये अफवाह फैलाने वाले आरोपियों पर कार्रवाई करने की बात कही है. पुलिस अफवाह फैलाने वाले वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की बात कह रही है.