इंसेफ्लाइटिस से अब तक 420 मरे, लकवाग्रस्त का नहीं कोई ब्यौरा

इंसेफ्लाइटिस का कहरगोरखपुर। पूर्वाचल के गोरखपुर में इंसेफ्लाइटिस का कहर लगातार जारी है। सरकार के तमाम दावों के बावजूद इंसेफ्लाइटिस से मरने वालों की संख्या इस साल अब तक 420 हो गई है। मरने वालों में अधिकांश संख्या मासूम बच्चों की है। इसमें मऊ, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज और बिहार के ज्यादातर मरीज शामिल हैं।

एक जनवरी से लेकर अब तक सिर्फ मेडिकल कालेजों में इलाज के लिए 1631 मरीज आए। अगर आकंड़ों की मानें तो मौत दर 25.46 फीसद रही। विडंबना तो यह है कि ऐसा तब हुआ है जब अस्पतालों में मौजूद चिकित्सक न केवल इसमें विशेषज्ञ हैं, बल्कि उनको करीब चार दशक के इलाज का अनुभव भी है। समग्रता में देखा जाय तो पीड़ितों और मृतकों की संख्या 420 हो गई है। यह संख्या आगे और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

बीते 24 घंटे में इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित 16 और नए मरीज अस्पताल में भर्ती किए गए हैं तो वहीं पांच ने इस बीमारी के चलते दम तोड़ दिया। वहीं अभी भी यहां इलाज करा रहे 74 मासूम जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। एक और चौंकाने वाली बात यह है कि इस बीमारी से लकवाग्रस्त हुए लोगों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता।

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