
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही मोदी सरकार आम जनता को झटके पे झटके देती ही जा रही है। जाहिर तौर पर उनका एक ही मकसद है वो ये कि जितना भी कालाधन अभी भी लोगों के पास जमा है वो हमारे देश की अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा में लौट आए। जिसको लेकर सरकार की ओर से रोजाना ही नया फरमान जारी होता है। इसी क्रम में मंगलवार को भी केंद्र सरकार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि अब तीन लाख रुपये के कैश लेनदेन की सीमा को और भी ज्यादा घटाकर दो लाख कर दिया गया है।
बता दें कि पहले इस लिमिट को तीन लाख रुपए तक रखा गया था। इसका प्रस्ताव मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए वित्त संशोधन विधेयक में रखा गया है। इस बात की जानकारी खुद राजस्व सचिव हसमुख अड़िया ने ट्वीट करके दी है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने तीन लाख रुपए या उससे अधिक के कैश लेन-देन पर पाबंदी कालेधन पर रोक लगाने के लिए लगाई थी। इसकी सिफारिश कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बनाई गई एसआईटी की तरफ से की गई थी। सरकार ने बजट में भी इस प्रावधान के बारे में ऐलान किया था।
इस नियम को 1 अप्रैल से लागू होना था। अब कैश लिमिट दो लाख होने के बाद अगर आप इससे अधिक का कैश किसी को देते हैं या फिर किसी से लेते हैं तो आप पर सौ फीसदी का जुर्माना लगेगा।
सरकार की तरफ से कैश लिमिट कम होने के बाद अगर आप किसी से चार लाख रुपए कैश लेते हैं तो ऐसा नहीं है कि आपको दो लाख की छूट मिल जाएगी और सिर्फ कैश लिमिट से अधिक यानी दो लाख रुपए का ही जुर्माना देना होगा, बल्कि पूरे चार लाख रुपए का जुर्माना लगेगा। इसी तरह अगर आप 50 लाख रुपए का भी कैश ट्रांजैक्शन करेंगे तो पूरे 50 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा।