एजेन्सी/कानपुर। 50 हजार से 10 लाख रुपये तक का लोन लेकर खुद का व्यवसाय शुरू करने या पहले से चालू व्यवसाय को समृद्ध करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई मुद्रा बैंक योजना बैंक अधिकारियों की आंकड़ेबाजी के आगे पस्त हो गई है। भारी भरकम आंकड़ों को देखकर लगता है कि बैंकों ने मुद्रा योजना के तहत खजाना लुटा दिया लेकिन हकीकत यह है कि इस योजना में सिर्फ 50 हजार रुपये तक के लोन ही अधिक दिए गए हैं। अमर उजाला अपनी पड़ताल में पहले ही बता चुका है कि योजना किस तरह से औद्योगिक शहर में दम तोड़ रही है।
तरुण श्रेणी में 70 का भी आंकड़ा पार नहीं
योजना के शुरू होने से अब तक इस श्रेणी में कोई भी बैंक 70 से अधिक का आंकड़ा पार नहीं कर सका। दरअसल पांच से 10 लाख रुपये तक के लोन देने से बैंक कतरा रहे हैं। जिले में 29 फरवरी तक सभी बैंकों ने कुल 240 लोगों को (14.49 करोड़ रुपये) ही तरुण श्रेणी में लोन दिया है। बैंकों का मानना है कि लोन की वसूली न होने की स्थिति में उनके पास एक्शन लेने का विकल्प नहीं है, क्योंकि लोन लेने वाले की गारंटी खुद सरकार ने ली है।
लोन के प्रकार शिशु किशोर तरुण
प्रमुख बैंक खाते लोन खाते लोन खाते लोन
बैंक ऑफ बड़ौदा 3875 801 538 802 42 275 इलाहाबाद बैंक 1149 148 323 556 68 380
पंजाब नेशनल बैंक 603 146 128 86 18 67
बैंक ऑफ इंडिया 519 98 78 69 19 88
आआरबी 718 98 11 23 7 61
यूनियन बैंक 257 102 143 266 16 106
यूको बैंक 368 129 112 204 49 315
विजय बैंक 127 61 9 14 2 9.5
सिंडीकेट बैंक 94 21 53 48 0 0
*(यह आंकड़ा 8 अप्रैल 2015 से 29 फरवरी 2016 तक का है। लोन लाख रुपये में।)