यशवंत पहुंचे तो खुले अलगाववादियों के दरवाजे
श्रीनगर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आज अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता सैयद अली शाह गिलानी से मुलाकात करने पहुंचे। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुआई यशवंत सिन्हा कर रहे हैं।
बता दें कि आतंकी बुरहानी वानी के एनकाउंटर के बाद कश्मीर घाटी में हुई हिंसा जारी थी। तब 4 सितंबर को होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह डेलिगेशन के साथ गिलानी से मुलाकात करने पहुंचे थे। तब गिलानी ने घर का दरवाजा भी नहीं खोला था। खिड़की से ही उन्हें वापस जाने के लिए कह दिया था। राजनाथ सिंह ने कहा था दरवाजा ही नहीं रोशनदान भी खुला है।
उस वक्त राजनाथ ने कहा था, “हुर्रियत नेताओं से डेलिगेशन के कुछ मेंबर्स बातचीत करने गए थे, लेकिन उन्होंने बातचीत नहीं की। इसका मतलब साफ है कि उनका इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत में यकीन नहीं है।”
Srinagar (J&K): High level delegation led by senior BJP leader Yashwant Sinha arrives to meet SAS Geelani at his residence pic.twitter.com/iYU4uImS1t
— ANI (@ANI) October 25, 2016
“जो शांति चाहते हैं, हम उन सभी से बात करने को तैयार हैं। बातचीत के लिए हमारा दरवाजा ही नहीं खुला, हमारे रोशनदान भी खुले हैं। राज्य की सीएम ने बातचीत में शामिल होने के लिए पत्र भी लिखा था।”
आतंकी वानी की मौत के बाद बाद घाटी में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। पुलिस-फोर्सेस को हालात को काबू में करने के लिए पैलेट गन चलानी पड़ी। इसमें सैकड़ों लोग घायल हुए। सिक्युरिटी फोर्सेस-लोगों के बीच झड़प से हजारों लोग घायल हुए, जिनमें जवान भी शामिल थे।
फारुख अब्दुल्ला ने किया हमला
वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी व आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा है कि एक तरफ डोडा और किश्तवाड़ जैसे जिलों में भाजपा और आरएसएस अपनी रैलियां कर रहा है, हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैला रहा है ऐसे में प्रतिनिधिमंडल भेजना समझ से परे है।