अपनी मौजूदगी बताने के लिये ISIS ने श्रीलंका को चुना
कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने सोमवार को कहा कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने दुनिया को अपनी मौजूदगी का एहसास कराने के लिये ही ईस्टर संडे के दिन भीषण हमला करने की मंशा से श्रीलंका को चुना। ऐसी खबरें हैं कि इस हमले की साजिश 2017 में सीरिया में रची गयी थी।
तीन कैथोलिक गिरजाघरों और तीन आलीशान होटलों में एक के बाद एक आत्मघाती बम हमले में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गयी जिनमें 11 भारतीय शामिल हैं।
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने द्वीपीय देश में अब तक के सबसे वीभत्स हमले की जिम्मेदारी ली है लेकिन सरकार ने स्थानीय इस्लामी चरमपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) पर आरोप लगाया है। सरकार ने एनटीजे पर प्रतिबंध लगाया है और धमाके के संदर्भ में 100 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
श्रीलंका में हमलों को अंजाम देने के आईएसआईएस के दावे पर राष्ट्रपति सिरीसेना ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं स्तब्ध हूं और समझ नहीं सकता कि उन्होंने इस हमले के लिये श्रीलंका को ही क्यों चुना।’’
उन्होंने कहा कि आईएसआईएस ने अपने निशाने के तौर पर श्रीलंका को इसलिए चुना क्योंकि आतंकवादी संगठन दुनिया के ताकतवर देशों के साथ लड़ाई की क्षमता खो चुका है।
सिरीसेना ने सोमवार को बीबीसी पर प्रसारित साक्षात्कार में बताया, ‘‘इसलिए उन्होंने अपनी मौजूदगी का एहसास कराने के लिये एक ऐसे देश को चुना जिसने हाल में शांति की स्थापना की थी।’’
नरसंहार के कुछ दिन बाद आईएसआईएस प्रमुख अबु बक्र अल बगदादी ने एक वीडियो में यह दावा किया था कि श्रीलंका में हुआ बम धमाका सीरियाई शहर बागुज को नेस्तनाबूद करने के खिलाफ उसकी बदले की कार्रवाई थी। बागुज इस आतंकवादी संगठन का आखिरी गढ़ था।
अमेरिकी नेतृत्व वाले कुर्द लड़ाकों ने हाल में आईएसआईएस के इस गढ़ को भी अपने नियंत्रण में कर लिया।
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इस बीच ‘श्रीलंका मिरर’ की खबर के अनुसार संगठन के आतंकवादी आईएसआईएस से प्रशिक्षण लेने के इरादे से सीरिया गये थे और श्रीलंका में हमले को अंजाम देने के लिये उन्होंने 2017 में मोहम्मद सहारान हाशिम के नेतृत्व वाली नेशनल तौहीद जमात के साथ एक समझौता किया था।