
नई दिल्ली| भारतीय सेना ने गुरुवार को परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 मिसाइल का परीक्षण किया गया, लेकिन वह लक्ष्य से भटक गई और परीक्षण पूरी तरह सफल नहीं हो सका। अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) स्थित इंट्रीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आइटीआर) से इसका परीक्षण किया गया। यह मिसाइल दो से ढाई हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है। पाकिस्तान, चीन और दक्षिण पूर्व एशिया इस मिसाइल की जद में हैं।
अग्नि-2 का विकास रक्षा विकास और अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं और भारत डायनमिक्स हैदराबाद के साथ मिलकर एडवांस सिस्टम प्रयोगशाला ने किया है। सतह से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की इस बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण आइटीआर के लांच कांप्लेक्स-4 (एलसी-4) से रेल मोबाइल प्रणाली के जरिये सुबह 10.23 बजे किया गया। स्वदेश निर्मित यह मिसाइल 21 मीटर लंबी, एक मीटर चौड़ी व 17 टन वजन की है। यह एक हजार किलोग्राम तक विस्फोटक ढोने में सक्षम है।
क्या है बैलिस्टिक मिसाइल: इसका प्रक्षेपण पथ सब आर्बटिल बैलिस्टिक होता है। इसका उपयोग किसी हथियार (प्राय: नाभकीय अस्त्र) को किसी पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर दागने के लिए किया जाता है। यह मिसाइल अपने प्रक्षेपण के प्रारंभिक चरण में ही गाइड की जाती है। इसके बाद का पथ आर्बटिल मैकेनिक्स के सिद्धांतों एवं बैलिस्टिक सिद्धांतों से निर्धारित होता है। इसे रासायनिक राकेट इंजनों से प्रक्षेपित किया जाता है।