अगस्टा वेस्टलैंड पर सुप्रीम कोर्ट ने भेजा केंद्र को नोटिस

अगस्टा वेस्टलैंडनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया गया है, जिनके नाम इटली की एक अदालत ने इस संबंध में फैसला सुनाते हुए लिए हैं।

अगस्टा वेस्टलैंड पर केंद्र को नाटिस

इटली की अदालत ने बीते दिनों अगस्टा वेस्टलैंड मामले में फैसला सुनाते हुए कंपनी के वरिष्ठ एग्जक्यूटिव्स को रिश्वत देने का दोषी ठहराया था। इस क्रम में अदालत ने कई अन्य नाम भी लिए थे, जिनका आशय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी लगाया जा रहा है।

इस मामले में जनहित याचिका अधिवक्ता एम.एल. शर्मा ने दायर की, जिन्होंने रिश्वत लेने के इस मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में एसआईटी द्वारा किए जाने का अनुरोध किया है। इस पर सुनवाई करते हुए जज दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।

इटली की अदालत ने सौदे में बिचौलियों की भूमिका निभाने वाले चार्ल्स माइकल की डायरी के संदर्भ में कई नामों का उल्लेख किया, जिसमें कथित तौर पर कांग्रेस के कई नेताओं के नाम शामिल हैं।

क्‍या है अगस्टा वेस्टलैंड घोटाला?

अगस्टा वेस्टलैंड कंपनी ने भारत में 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों का सौदा किया था। माना जाता है कि सौदा करने के लिए 10 फीसदी यानी करीब 350 करोड़ रुपये की घूस दी गई। अब इटली की अदालत ने माना कि अगस्टा वेस्‍टलैंड कंपनी ने 12 हेलीकॉप्टर बेचने के लिए भारत में करीब 125 करोड़ की घूस दी है।

इस घोटाले का जिक्र पहले भी कई बार हो चुका है। वहीं अब इसके दोबारा चर्चा में आने का प्रमुख कारण ये है कि इटली की अदालत ने अगस्‍टा वेस्‍टलैंड कंपनी के प्रमुख ऊर्सी को भारत में रिश्‍वत देने का दोषी मानते हुए चार साल की कैद की सजा सुनाई है। भारत में इस कंपनी ने किसे घूस दी अदालत ने इस बात का खुलासा तो नहीं किया लेकिन फैसले में जज ने चार जगह पर कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिखा है।

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