SC में महाराष्ट्र विवाद पर सुनवाई शुरू, कौन क्या दे रहा तर्क, जानें

पिछले एक महीने से महाराष्ट्र में चल रहा सियासी ड्रामा अभी खत्म नहीं हुआ है. आज हर किसी की नज़र सुप्रीम कोर्ट पर है, जहां अदालत राज्य के सियासी भविष्य पर फैसला सुनाएगा. आज कोर्ट में केंद्र, महाराष्ट्र सरकार, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की ओर से नोटिस का जवाब दिया जाएगा. ऐसे में अदालत क्या फैसला सुनाती है इसपर हर किसी की नज़र है. शनिवार सुबह जिस तरह देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार ने शपथ ली उसी के खिलाफ विपक्ष ने याचिका दायर की थी.

सुप्रीम कोर्ट

सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल के पत्र को रख दिया है. हिंदू महासभा की ओर से वकील ने कहा कि उन्होंने एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन को चुनौती देने वाली याचिका दायर की है, जिसपर सुनवाई होनी चाहिए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये मामला अभी अलग है.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि क्या कोर्ट गवर्नर के फैसले को पलट सकती है. अब तुषार मेहता अदालत में दलील रख रहे हैं. उन्होंने इस दौरान राज्यपाल को मिले संवैधानिक अधिकारों का हवाला दिया और कहा कि बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन की जानकारी राज्यपाल को थी. इसके अलावा बीजेपी और शिवसेना के हक में ही नतीजे थे.

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सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि राज्यपाल के पास नतीजे थे, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी और शिवसेना के पास 56 सीटें थी. राज्यपाल ने काफी दिन इंतजार किया, उसके बाद बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाया. बीजेपी ने सरकार बनाने से मना किया, फिर शिवसेना ने भी मना किया. और एनसीपी के साथ भी ऐसा ही हुआ.

सुप्रीम कोर्ट में SG ने कहा कि चिट्ठी में अजित पवार ने खुद को विधायक दल का नेता बताया, इसपर अदालत ने चिट्ठी का ट्रांसलेशन मांगा. 22 नवंबर की चिट्ठी में अजित पवार ने खुद को CLP बताया और कहा कि 54 विधायकों ने उन्हें अधिकार दिया है.
राज्यपाल को चिट्ठी मिली, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति शासन हटाने का अनुरोख दिया. 23 नवंबर को राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखी. फडणनीस ने राज्यपाल को 170 विधायकों का समर्थन दिखाया था. SG ने कहा कि राज्यपाल के पास चिट्ठी आई थी, राज्यपाल का काम जांच करवाना नहीं है.

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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सबसे पहले चिट्ठी किसकी आई थी? इसपर SG ने कहा कि फडणनीस ने सबसे पहले चिट्ठी लिखी थी.

बीजेपी के 105 विधायकों के अलावा अजित पवार ने 54 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था, जिसमें अजित ने खुद को विधायक दल का नेता बताया. तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में चिट्ठी पढ़कर सुनाई. अदालत में बीजेपी, निर्दलीय विधायकों और अजित पवार के समर्थन पत्र को पढ़कर सुनाया.

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि विपक्ष की ओर से अभी तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया, हमारे पास राज्यपाल के आदेश की कॉपी हैं. तुषार मेहता ने गवर्नर के सचिव की चिट्ठी अदालत को सौंपी, जिसमें विधायकों के हस्ताक्षर हैं.

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