मसूरी नगर पालिका की सभासद गीता कुमाई की विशेष अपील खारिज

रिपोर्ट- सुनील सोनकर

मसूरी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मसूरी नगर पालिका सभासद गीता कुमाई की विशेष अपील खारिज कर दिया है। साथ ही मुख्य सचिव को उनके खिलाफ विधि अनुसार फैसला लेने को कहा है। इससे पहले एकलपीठ ने उनके खिलाफ नगर पालिका भूमि पर कब्जे को लेकर जांच के आदेश दिए थे। जिसे गीता कुमाई ने स्पेशल अपील दायर कर चुनौती दी थी।

मसूरी नगर पालिका

बता दें मसूरी नगर पालिका की सभासद गीता कुमाई के खिलाफ केदार सिंह चैहान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नगर पालिका का चुनाव 2018 में वार्ड न0 8 से जीत दर्ज करने वाली गीता कुमाई ने अपने नामांकन के समय इस आशय का शपथ पत्र दिया था कि पालिका की भूमि पर उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य का अतिक्रमण सिद्ध होने पर चुनाव जीतने की स्थित में भी वह सभासद पद से इस्तीफा दे देंगी, और पालिका शासन उनके विरुद्ध कार्यवाही करने को स्वतंत्र होंगे।

केदार सिंह चैहान ने याचिका में यह भी कहा कि जांच में कब्जा सिद्ध होने के बाद सभासद गीता को शपथ पत्र के मुताबिक अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए, अन्यथा उन्हें हटाया जाना चाहिए। जिस पर एकलपीठ ने केदार सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य सचिव को मामले की चार सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। जिसके लिए 9 जुलाई की तिथि तय की है। इधर एकलपीठ के इस आदेश के खिलाफ सभासद गीता कुमाई ने स्पेशल अपील दायर की थी।

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शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खंडपीठ ने गीता कुमाई की स्पेशल अपील पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद संयुक्त खंडपीठ ने इसे खारिज कर दिया है। वहीं मुख्य सचिव को विधि अनुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

बता दें जिस भूमि पर सभासद के परिवार का कब्जा है वह पालिका में मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक यह भूमि 1916 में मीट व वेजिटेबल मार्केट के लिए अधिग्रहित की गई थी। यह लगभग 7 बीघा भूमि है। पालिका ने इन दस्तावेजों को कलेक्ट्रेट स्थित रिकार्ड रूम से हासिल किया था। विधि विशेषज्ञों के अनुसार क्योंकि मामला न्यायालय में है और 9 जुलाई को शासन को न्यायालय में रिपोर्ट देनी है, तो शासन  को विधि सम्मत कार्यवाही करनी ही होगी।

 

 

 

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