भगवान शिव का दूसरा घर है ये जगह, जटाओं के बीच बहते हैं झरने

मध्यप्रदेशवैसे तो ऐसा बहुत कम होता है कि आप कहीं छुट्टी मनाने जाएं और लगे हाथ आपकी तीर्थयात्रा भी हो जाए। लेकिन यकीन मानिए, अगर आप मध्यप्रदेश के एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल पंचमढ़ी जाएंगे, तो प्रकृति का भरपूर आनंद उठाने के साथ आपकी तीर्थयात्रा भी हो जाएगी। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पंचमढ़ी मध्य भारत का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल है।

यहां के हरे-भरे और शांत वातावरण में बहुत-सी नदियों और झरनों के गीत पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। ऐसा लगता है जैसे ये हरियाली पहाडि़यों और घाटियों से गले मिल रही है। यहां मौजूद है भूल-भुलैया जैसे रास्ते, चांदी के जैसे चमकते झरने हैं, आकाश जैसे दिखने वाले नीले जलाशय हैं और वन-उपवन हैं।

इन सबसे बढ़कर प्रकृति की बनाई हुई वे पवित्र गुफाएं हैं, जिनमें ईश्वर के दर्शन होते हैं। यहां शिवशंकर के कई मंदिर भी है, जो आपको तीर्थयात्रा का सुकून देते हैं।

शिव शंकर की जटाएं हैं

आसपास बरगद के पेड़ों की झूलती शाखाएं तथा यहां की रॉक फॉर्मेशन ऐसा महसूस कराती हैं जैसे चारों तरफ भगवान शिव की जटाएं फैली हुई हों। शायद इसीलिए इस स्थान का नाम जटाशंकर पड़ा होगा। यहां शिवलिंग पर झुकी चट्टान तो ऐसी लगती है मानो विशाल नाग ने अपना फन फैला रखा हो।

पंचमढ़ी महादेव का दूसरा घर

पंचमढ़ी को कैलाश पर्वत के बाद महादेव का दूसरा घर कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव ने जिन कंदराओं और खोहों की शरण ली थी वह सभी पचमढ़ी में ही हैं।

सतपुड़ा की रानी

पौराणिक कथाओं से बाहर आकर आज की बात करें तो मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी समुद्रतल से 1,067 मीटर की ऊंचाई पर है। सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच होने और अपने सुंदर स्थलों के कारण इसे सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। पचमढ़ी के जंगल खासकर जंगली भैंसे के लिए प्रसिद्ध है।

बी फॉल्स

इसका नाम बी फॉल्स इसलिए पड़ा है क्योंकि पहाड़ी से गिरते समय यह झरना बिलकुल मधुमक्खी की तरह दिखता है। यह पिकनिक स्पॉट भी है, जहां आप नहाने का भी मजा ले सकते हैं। रास्ते में आम के पेड़ बहुतायत में दिखते हैं।

पंचमढ़ी का ठंडा सुहावना मौसम इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। सर्दियों में यहां तापमान लगभग 4 से 5 डिग्री तक रहता है और गर्मियों में तापमान 35 डिग्री से अधिक नहीं जाता। यहां की सदाबहार हरियाली घास जामुन, साज, साल, चीड़, देवदारु, सफेद ओक, यूकेलिप्टस, गुलमोहर, जेकेरेंडा और अन्य छोटे-बड़े वृक्षों से वन गलियारे तथा घाटियां मनमोहक है।

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