काला धन : तीन लाख से ज्यादा नकद लेन-देन पर लगे रोक

काला धननई दिल्ली | काला धन की समस्या से निपटने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने तीन लाख रुपये से अधिक के लेन देन पर पूर्ण प्रतिबंध की संस्तुति की है। एसआईटी का कहना है कि इस तरह के लेन-देन को अवैध और कानून के तहत दंडनीय घोषित करने के लिए एक कानून बनाना चाहिए। एक सरकारी बयान में गुरुवार को इसकी घोषणा की गई। एसआईटी की पांचवीं रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष पेश की गई।

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एसआईटी ने महसूस किया है
बयान में कहा गया है, एसआईटी ने महसूस किया है कि काले धन का बहुत बड़ा हिस्सा जमाकर रखा गया है और उसका इस्तेमाल नकद रूप में होता है। नकद लेन-देन से जुड़े विभिन्न देशों के प्रावधानों, विभिन्न रिपोर्ट और अदालतों की टिप्पणियों पर विचार करने के बाद एसआईटी ने महसूस किया कि नकद लेन-देन की अधिकतम सीमा तय करने की जरूरत है।

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अधिकतम कितना नकद रखा जा सकता है, इसके बारे में एसआईटी का सुझाव है कि यह 15 लाख हो। आगे कहा गया है कि किसी व्यक्ति या उद्योग को इससे अधिक नकद रखने की जरूरत है तो वह उस क्षेत्र के आयकर आयुक्त से जरूरी इजाजत ले सकता है। इन संस्तुतियों पर जनता के सुझाव भी मांगे गए हैं।

विदेश के काले धन के लिए भी जरूरी प्रावधान

एसआइटी ने यह भी सिफारिश की है कि ब्लैक मनी (अनडिसक्लोज्ड फॉरेन इनकम एंड एसेट्स) एंड इंपोजीशन ऑफ टैक्स एक्ट 2015 में संशोधन करके यह प्रावधान किया जाना चाहिए कि अघोषित विदेशी आय व संपत्ति भारत संघ की ही मानी जाएगी। इस प्रावधान के बाद विदेशी संपत्ति रखने वाले व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि उसने संबंधित संपत्ति वैधानिक तरीके से हासिल की है और आरबीआइ से आवश्यक अनुमति ले ली है।

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