औद्योगिक घाटी की स्थिती जस की तस , उद्योग का लाभ नहीं उठा पा रही हैं यहां की जनता…

रिपोर्ट  – कान्ता पाल

लोकेशन – नैनीताल

80 के दशक मे उत्तर प्रदेश शासन काल में नैनीताल जिले के भीमताल मे औद्योगिक घाटी यह सोच कर बनायी गई की पहाड़ों से पलायन रूकेगा और युवाओ को रोजगार मिलेगा लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते उद्योग यहा पर टीक नही पाएं और उद्योग लगने के कुछ ही सालो मे यहां से कुछ उद्योगो को छोड़ बाकी सब यहां  से चले गये। जिससे यहां  युवाओं के पलायन की स्थिती पैदा हो गयी है। लेकिन वह आज भी सरकार से आश लगाये बैठे है भीमताल में उद्योग फिर से शुरू हो सके।

 

 

 

 

 

उत्तराखण्ड की जनता ने अलग राज्य के लिये लड़ाई लड़ी थी ताकी उन्हे अपना घर छोड़ कर रोजगार के लिये दुसरे राज्यो मे नही भटकन पड़ेगा और उन्हे अपने पहाड़ मे ही रोजगार मिलेगा।

 

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लेकिन उत्तराखण्ड बाने 19  साल बीत जाने के बाद भी पहाड़ों के भीमताल मे स्थित औद्योगिक घाटी की स्थिती जस की तस बनी हुयी है उद्योगो के नाम पर गिने चुने उद्योग ही यहा पर चल रहे है जिनका फायदा भी यहा की जनता को नही मिल रहा है ।

स्थानीय लोग आज भी नौकरीयो की तलास मे भीमताल छोड़ने को मजबूर है क्योकि भीमताल और आस पास के क्षेत्रो मे किसी तरह का कोई रोजगार नही हैे लेकिन लोग आज भी यहां पर उद्योगो के फिर से शुरू होने का इन्तजार कर रहे है।

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