हरिद्वार में योग महाकुंभ में 30 देशों के 700 से ज्यादा योगी जुटे

yogapeethएजेंसी/हरिद्वार। धर्मनगरी के पंतद्वीप में योग महाकुंभ शुरू हो चुका है। चार दिन तक चलने वाले इस योग महाकुंभ में तीस देशों के सात सौ से ज्यादा योगी विभिन्न योगासनों का अभ्यास करेंगे। योग महाकुंभ का उद्घाटन सीएम हरीश रावत ने किया।

योग महाकुंभ को सीएम ने बताया विश्व के लिए जरूरी

योग महाकुंभ के बारे में सीएम रावत ने कहा कि गंगा के किनारे विकसित होने वाले घाट योग और ध्यान के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे। उन्होंने कहा कि देवभूमि ने पूरी दुनिया में योग की अलख जगाने का जो बीड़ा उठाया है, उसी के तहत पहले ऋषिकेश और अब हरिद्वार में वृहद योग महोत्सव आयोजिए हो रहे हैं। योग का लाभ पूरे विश्व को मिल सके इसके लिए इन महोत्सवों में दुनिया भर से योग साधक पहुंचे हैं। सीएम ने योग को अंतरराष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर बताते हुए कहा कि उत्तराखंड को योग के माध्यम से पूरी दुनिया के साथ जोड़ने की राज्य सरकार की कोशिश सफल होती दिख रही है। उन्होंने कहा कि अर्द्धकुंभ में गंगा, योग और संस्कृति का अद्भुत संगम हुआ है। चंडीघाट से अजीतपुर तक गंगा किनारे घाट को विकसित किया जाएगा। जिससे लोग वहां स्नान के साथ ही योग ध्यान भी कर सकें। सीएम ने पूरे विश्व को छह साल बाद होने वाले महाकुंभ के लिए भी न्यौता दिया।

परमार्थ निकेतन ने भी पहल का स्वागत किया

इस मौके पर परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष मुनि महाराज स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि योग महाकुंभ में बडी संख्या में लोगों को भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने अर्द्धकुंभ के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार और सीएम हरीश रावत की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि इस बार अर्द्धकुंभ मेले में पहली बार येाग महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विश्वविख्यात योग गुरुओं की ओर से योग की शिक्षा दी जाएगी।

हरिचेतनानंद ने बताया हिमालय को योग का उद्गगम स्थल

योग महाकुंभ में आए हरिसेवा आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने हिमालय को योग का उद्गम स्थल बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषियों और ऋषि-मुनियों ने अपनी तप साधना से इस पूरे क्षेत्र को अध्यात्मिक ऊर्जा का असीमित भंडार बना दिया है। हिमालय की कंदराओं में इन्हीं ऋषि-मुनियों ने योग को अध्यात्म का साधन बना इसकी शुरुआत की थी। आज भी हजारों ऋषि-मुनि हिमालय की कंदराओं में ही योग कर रहे हैं। यही कारण है कि हिमालय का संपूर्ण क्षेत्र सकारात्मक ऊर्जा का भंडार है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में योग स्वस्थ रहने का सबसे सस्ता और बेहतर तरीका है। निरोगी काया के लिए हमें योग को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करना होगा।

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