सरकार के आदेश की धज्जियाँ उड़ा रहे निजी स्कूल, 6 महीनों की फीस एक साथ मांगने से छूटे लोगों के पसीने…

निजी स्कूलों में नर्सरी में दाखिले को लेकर आवेदन से शुरू हुई परेशानी फीस जमा कराने तक कम होती नहीं दिख रही। सूची जारी होने के बाद अब फीस को लेकर स्कूलों के मनमाने रवैये ने अभिभावकों को परेशानी में डाल रखा है।
कोई स्कूल छह माह की फीस एक साथ देने की बात कह रहा है, तो कोई दूसरी सूची में कहीं और दाखिला होने पर फीस वापस करने से मना कर रहा है, जबकि फीस रिफंड पॉलिसी के प्रावधान में तीन माह की फीस लेने का ही प्रावधान है। साथ ही फीस वापस करने से भी स्कूल मना नहीं कर सकते हैं।
सरकार के आदेश की धज्जियाँ उड़ा रहे निजी स्कूल
एक अभिभावक ने बताया कि एक नामी स्कूल छह माह की फीस एक साथ मांग रहा है। उनका सवाल है कि क्या स्कूल एडवांस में फीस मांग सकता है। इस तरह से स्कूल उनसे तीन माह की फीस एडवांस में मांग रहा है।

वहीं एक स्कूल ने उन्हें दूसरी जगह दाखिला लेने पर पहली फीस वापस करने से मना कर दिया। कुछ स्कूल एक साथ फीस की कुल राशि बता रहे हैं, मसलन, 81260 या फिर 66000 या फिर 50000

अभिभावकों को यह पता नहीं चल रहा कि यह फीस किस मद में कितनी ली जा रही है।
फीस को लेकर ऐसी शिकायतें किसी एक अभिभावक की नहीं, बल्कि काफी अभिभावक फीस को लेकर स्कूलों की मनमानी से परेशान हो रहे हैं।
एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के प्रमुख सुमित वोहरा ने बताया कि उनके पास फीस को लेकर स्कूलों की मनमानी को लेकर अभिभावकों की काफी शिकायतें आ रही हैं। अभिभावक शिकायत कर रहे हैं कि स्कूल फीस में पारदर्शिता नहीं बरत रहे।
वह कहते हैं कि सरकार की फीस रिफंड पॉलिसी में तीन माह की फीस लेने का प्रावधान है। वहीं निजी स्कूल दाखिला लेने के एक माह के अंदर फीस वापस करने से मना भी नहीं कर सकते हैं।

यदि किसी स्कूल में दाखिला कराने के एक माह के भीतर अभिभावक अन्य जगह दाखिला लेने के लिए पहली वाली सीट छोड़ता है, तो उसकी एडमिशन फीस, रजिस्ट्रेशन फीस व एक माह की ट्यूशन फीस काटकर स्कूल बाकी फीस ही वापस करेगा।

एक माह बाद यदि अभिभावक पहले वाली सीट छोड़ता है, तो स्कूल किसी प्रकार से फीस वापस करने के लिए बाध्य नहीं है।
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