विश्‍व योग दिवस: ये दस योग आपको बनाएंगे निरोगी

योग दिवस लखनऊ। योग मुरझाए जीवन में मुस्‍कान भरने की भारतीय चिकित्‍सा पद्धति है। जीवन को तनावपूर्ण स्थितियों से बाहर निकाल कर उल्‍लास पूर्ण वातावरण बनाने में योग का बहुत महत्‍व है। भारत के प्राचीन ग्रन्‍थोंं में ऋषियों के सैकड़ों सालों तक जीवित रहने के प्रमाण मिलते हैं , यह योग के द्वारा ही संभव हो पाया था। शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाना ही योग है। यह सिर्फ स्वस्थ रहने का जरिया नहीं, जीवन का दर्शन है। योग विज्ञान भी है, जो पूर्ण चिकित्सा पद्धति पर आधारित है। योग शब्द संस्कृत के युज धातु से बना है, जिसका अर्थ है जुडऩा, मिलना या युक्त होना। योग की शरुआत भारत से हुई। धीरे-धीरे यह बौद्ध धर्म के साथ चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण-पूर्व एशिया और श्रीलंका में पहुँच गया। आज पूरी दुनिया योग कर रही है। योग के महत्‍व को देखते हुए विगत वर्ष संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने प्रत्‍येक वर्ष 21 जून को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय योग दिवस मनाने का निर्णय लिया। आज सम्‍पूर्ण विश्‍व में भारत की इस प्राचीन चिकित्‍सा पद्धति का दिवस मनाया जा रहा है। सम्‍पूर्ण विश्‍व में करोड़ों लोग आज योग कर स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त करेंगे।

योग के फायदे

योग शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखता है। तनाव से भी छुटकारा दिलाता है, जो रोजमर्रा की जि़न्दगी के लिए जरूरी  है। योग आसन और मुद्राएं तन और मन दोनों को क्रियाशील बनाए रखती हैं।

योग दिवस पर योग के प्रकार

योग के प्रकार

योग के दस प्रकार बताए गए हैं. राज योग, अष्टांग योग, हठ योग, लय योग, ध्यान योग, भक्ति योग, क्रिया योग, मंत्र योग, कर्म योग और ज्ञान योग.

हठ योग

यह भारतीय योग की सबसे प्राचीन विधा है. कुछ हिंदू मान्‍यताओं के अनुसार भगवान शिव ने इस योग को सबसे पहले किया था. इस योग का संबंध नाड़ी से है.

हठ योग से लाभ

इम्‍यूनिटी बढ़ाता है तथा टॉक्सिन्‍स को बाहर निकालता है.

रीढ़ को सीधा रखता है.

ग्रंथियों की कार्यप्रणाली को सही रखता है.

तनाव दूर रखता है.

अष्‍टांग योग

अष्टांग योग महर्षि पतंजलि के अनुसार चित्तवृत्ति के निरोध का नाम योग है. इसकी स्थिति और सिद्धि के निमित्त कतिपय उपाय आवश्यक होते हैं जिन्हें ‘अंग’ कहते हैं और जो संख्या में आठ माने जाते हैं.

अष्‍टांग योग से लाभ

इस योग से शरीर में रक्‍त संचार बढ़ता है और मस्तिष्‍क शांत रहता है.

इससे लचीलापन बढ़ता है.

जोड़ों को मजबूत और उनकी चिकनाई को बढ़ाता है.

मांसपेशियों का आकार बनाए रखता है.

वजन घटाने में मदद करता है.

मानसिक स्‍पष्‍टता बढ़ाता है.

आयंगर योग

इस योग का नाम इसके जनक बीके एस आयंगर के नाम पर रखा गया है. यह हठ योग का ही एक प्रकार है. इसमें श्‍वास से जुड़े व्‍यायाम होते हैं.

आयंगर योग से लाभ

रक्‍तचाप को घटाता है.

तनाव कम करता है.

गर्दन तथा पीठ का दर्द खत्‍म करता है.

इम्‍यूनोडिफिएंसी में मददगार है.

स्‍टेमिना, संतुलन तथा ध्‍यान केंद्रण बढ़ाता है.

कुंडलिनी योग

इस योग से कुंडलिनी योग ऊर्जा को जागृत किया जाता है। कुंडलिनी ऊर्जा रीढ़ में होती है. उपनिषद में इस योग के बारे में विस्‍तार से समझाया गया है. इस प्रकार के नियमित योग से शरीर को लाभ होता है. इसमें प्राणायाम करते हुए मंत्रों के साथ आसन लगाए जाते हैं.

कुंडलिनी योग से लाभ

फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है.

ब्‍लडस्‍ट्रीम को शुद्ध करता है.

नर्वस सिस्‍टम को मजबूत करता है.

शरीर, मस्तिष्‍क और आत्‍मा में संतुलन बढ़ाता है.

पावर योग

पावर योग, अष्‍टांग योग का ही एक प्रकार है। पश्चिमी देशों से 1990 में योग का विकसित प्रकार भारत आया, जिसे पावर योग कहा गया। इसे करने में अत्‍यधिक ऊर्जा की आवश्‍यकता होती है। इसका कोई तय पैटर्न नहीं है। इससे शारीरिक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ मानसिक शक्ति भी बढ़ती है.

पावर योग से होने वाले लाभ

शारीरिक क्षमता बढ़ती है.

शरीर से अतिरिक्‍त कैलोरी और वसा घटती है.

मेटाबोलिज्‍म बढ़ता है.

योग की भ्रांतियां

योग हिंदुत्व की उपज है.

योग का अभ्यास सुबह-शाम किया जाता है

योग का मतलब शरीर को तोड़-मरोड़ कर असाधारण मुद्राएं बनाना है.

योग किसी किताब की मदद से सीखा जा सकता है..

संगीत के साथ योग करना चाहिए.

योग का विश्‍व स्तर पर विस्तार पिछली सदी में ही हुआ है.

भारत और योग का संबंध दो हजार साल से भी ज्‍यादा पुराना है। लेकिन कुछ दशकों में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. सूर्य नमस्‍कार और कपालभांति जैसे आसनों की लो‍कप्रियता बढ़ी है.

कपालभांति प्राणायाम : इसे करने से सांस सम्‍बंधी बीमारी दूर हो जाते हैं और पाचन क्रिया भी दुरुस्त हो जाती है. यह सबसे अच्‍छा आसन माना जाता है. इससे वजन भी कम हो जाता है. यह बैठ के किया जाता है. सांस को बाहर छोड़ते समय पेट को अंदर की ओर धक्का देते हैं.

वज्रासन या डायमंड आसन : वज्रासन करने से शरीर में रक्‍त का संचार तेज होता है. इस आसन से पाचन क्रिया अच्छी रहती है और बाल झड़ने की समस्‍या भी दूर होती है. वज्रासन बैठकर किया जाना जाने वाला योग है.

अर्द्धचंद्रासन : इस योग को करने से शरीर सुंदर दिखने लगता है जिन महिलाओं का शरीर आकर्षक नहीं होता है, उनके लिए यह आसन लाभदायक है. इसे करने से बैक फैट कम होता है. शरीर को अर्ध चन्द्र के आकार में घुमाया जाता है. इसको भी खड़े रहकर किया जाता है.अगर आपकी रीढ़ की हड्डी में दर्द होता है और पाचन क्रिया में दिक्‍कत है तो यह आसन न करें.

अधोमुख श्‍वानआसन : अधोमुखी का मतलब होता है नीचे की ओर सिर झुकाना। इस आसन में कुत्ते की तरह सिर को नीचे झुकाकर योग किया जाता है. इसलिए इसे अधोमुखी श्वान आसन कहा जाता है. इस आसन को करने से तनाव दूर होता है. इसे करने से ब्‍लड सर्कुलेशन भी अच्‍छा रहता है.

बधाकोनासन : यह जांघों के फैट को दूर करता है और शरीर को छरहरा बनाता है. इससे शरीर का निचला हिस्‍सा मजबूत हो जाता है. इसे बैठ के करते हैं.अगर आपको पीठ में दर्द हो तो इस आसन को कतई न करें। पीरियड्स के दौरान भी इस आसन को नहीं करना चाहिए.

सेतु बंधासन: ब्रिज पोज या सेतुबंधासन करने से जांघे छरहरी और पेट स्‍वस्‍थ हो जाता है. ब्‍लड प्रेशर में भी आराम मिलता है. इसे करने के लिए चटाई पर बैठ जाएं और पैरों को फर्श पर सपाट रखें. गर्दन और सिर को नीचे रखें और बाकी शरीर को हवा में उठा दें. ऐसा करने के लिए दीवार का सहारा लें. या सपोर्ट लेने के लिए हाथों का सहारा लें. ज्‍यादा वजन होने पर न करें, वरना चोट भी लग सकती है.

गोमुख आसन: शरीर को सुडौल  बनाने वाला योग है. योग की इस मुद्रा को बैठकर किया जाता है. गोमुख आसन स्त्रियों के लिए बहुत ही लाभप्रद व्यायाम है

सुखासन: यह बैठकर किया जाने वाला योग है. ये योग मन को शांति प्रदान करने वाला योग है. इस योग के दौरान नाक से सांस लेना और छोड़ना होता है.

योग दिवस पर ये भी जानिए

योग के महत्त्व को देखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्येक वर्ष ’21 जून’ को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का निर्णय लिया.

इस बार 170 देशों में योग दिवस मनाया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस योग दिवस पर चंडीगढ में मौजूद रहेंगे.

लखनऊ में दस लाख से अधिक लोग एक साथ करेंगे योग 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को राजधानी में एक साथ दस लाख से भी अधिक लोग अलग-अलग संस्थाओं और संगठनों के बैनर तले योग करेंगे। राजधानी के ज्यादातर पार्क, खेल के मैदान और क्लब 21 जून को सुबह 6 से 10 बजे तक बुक हो चुके हैं। यहां योग शिविर लगाने के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।

केडी सिंह बाबू स्टेडियम, गोमतीनगर और चौक स्थित लोहिया पार्क, छावनी स्थित कस्तूरबा पार्क, रामलीला ग्राउंड इन सभी जगहों पर योग शिविर लगेगा। सबसे भव्य योगाभ्यास केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल व नेहरू युवा केंद्र संगठन की ओर से केडीसिंह बाबू स्टेडियम में किया जाएगा। जहां मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद होंगे। कई संगठन इस अवसर पर निशुल्क योग कक्षाओं की भी शुरुआत कर रहे हैं।

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