मोदी सरकार का एक और बड़ा वार, इतने लाख की खरीददारी पड़ेगी भारी
नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग खिलाफ सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सरकार की नीतियों से साफ़ है कि कालेधन पर सरकार कोई समझौता करने को तैयार नहीं है। अब सरकार 6 लाख से ज्यादा की खरीदारी करने वालों की जानकारी जुटाने में लगी है।
यह जानकारी कुछ खास चीजों की खरीदारी को लेकर होगी जिसमे दुकानदारों से ब्यौरा जुटाया जाएगा। सरकार जल्द ही इस व्यवस्था को लाने की तैयारी में है, जिसके तहत फाईनेंशियल ट्रांजैक्शन यूनिट (FTU) को जानकारी देनी होगी।
इस जानकारी को इकठ्ठा कर सरकार मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त व्यक्तियों पर लगाम लगाने की जुगत में है। उन सभी दुकानदारों को जानकारी देनी होगी जिसमे उन्होंने 6 लाख से अधिक ज्वैलरी या फिर लग्जरी गुड्स खरीदे होंगे।
दुनिया भर में ऐसे लेनदेन के लिए 10 हजार डॉलर (करीब 6 लाख 37 हजार रुपये) की सीमा तय है। भारत में भी ऐसे लेनदेन के लिए एक सीमा तय करने की बात चल रही है। इसके लिए 6 लाख रुपये की सीमा तय करने पर सहनमति बन सकती है।
बेनामी सम्पत्ति की खरीद पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार अधिनियम भी ला चुकी है जिसके तहत 50 हजार से ज्यादा के लेनदेन पर पैन नम्बर देना अनिवार्य कर दिया गया है।
मोदी सरकार लगातार कालेधन और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ अभियान चला रक्खा है। इसके तहत सरकार ने शेल कंपनियों के खिलाफ भी बड़े स्तर पर कार्रवाई की है।
इस अभियान के द्वारा प्रवर्तन निदेशालय को उन लोगों तक पहुचने में आसानी हो जाएगी जिनके आय के स्रोत उनकी खरीदारी से मेल नही खाते और वो अपना कला धन खपाने की जुगाड़ में हैं।