मनरेगा में काम कर रहे बाल मजदूर, प्रशासन बना मूकदर्शक
REPORTER-ANIL TIWARI/SIDHARTHNAGAR
सिद्धार्थनगर जिले के लोटन ब्लॉक की ग्राम पंचायत सुसनहाकर्मी में मनरेगा के अंतर्गत होने वाले काम में सरकार द्वारा निर्धारित नियमो की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है । यंहा नाबालिक बच्चो से मनरेगा योजना के तहत किये जाने वाले काम को कराया जा रहा है।
काम करने वाले आधा दर्जन बच्चे प्राथमिक व जूनियर स्कूल के विद्यार्थी है। जिन्हें 250 रुपये प्रतिदिन की दर से भुगतान किया जाता है । वही इस मामले में अब सीडीओ जाँच के बाद कार्यवाही की बात कर रहे है.
आप वीडियो में देख सकते है कि सिद्धार्थनगर जिले के लोटन ब्लॉक के सुसनहा ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत बन रहे एक नाले के निर्माण में लगभग आधा दर्जन बच्चे काम करते दिख रहे है । जिस उम्र में इनके हाथों में किताबे और पेन होना चाहिये था, उस उम्र में यह बच्चे हाथों में फावड़ा, कुदाल व मिट्टी से भरे तसले लिए काम करते दिख रहे है ।
एक तरफ देश के नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए सरकार करोड़ो रुपये खर्च कर रही है । वही दूसरी तरफ भ्रस्टाचार करने के लिए ग्राम प्रधान काम कराने के लिए नौनिहालों के भविष्य से खुले आम खिलवाड़ कर रहे है । वह भी बेखौफ होकर जब हमने काम कर रहे इन बच्चों से बात की तो उन्होंने बताया कि वह स्कूल के विद्यार्थी है और यंहां काम करने के एवज में 250 रुपये प्रतिदिन पाते है.
मनरेगा योजना के तहत बच्चो से काम कराने के मामले को लेकर जब हमने जिले के मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग से बात की । तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराएंगे । साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मनरेगा योजना गाँव मे रहने वाले कामगारों को गांव रोजगार देने के उद्देश्य भारत सरकार ने शुरू की थी। जिससे कामगारों को रोजी रोटी के लिए दूर दराज न भटकना पड़े। उन्हें गाँव मे ही इतना काम मिल जाय कि उनका गुजारा हो जाय । लेकिन इस योजना के उद्देश्यों को पलीता लगाने में ग्राम प्रधान की भूमिका बेहद संदिग्ध देखी जा सकती है ।
इस योजना में धांधली के लिए बच्चो की जीवन से खुले आम खिलवाड़ किया जा रहा है। साथ ही मस्टररोल में कामगारों की संख्या में हेराफेरी कर खूब धांधली भी की जाती है । जरूरत है जांचकर ऐसे लोगो के साथ सख्त कार्यवाही की । जिससे इस योजना के मूल उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके ।