
नई दिल्ली| केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि भारत में जल्द ही प्लास्टिक के नोट लाए जाएंगे| केंद्र सरकार भले ही अपने इस फैसले को कालेधन के खिलाफ बड़ा कदम कह रही हो लेकिन इस वजह से आने वाले दिनों में मोदी सरकार बहुत बड़ी मुश्किल में भी पड़ सकती है|
हाल ही में केंद्र सरकार ने नोटबंदी का ऐलान करके पूरे देश को चौंका दिया| इसे कालेधन के खिलाफ एक बड़ा कदम माना गया और देश विदेश में भारत सरकार की जबरदस्त तारीफ भी हुई| लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लाइनें सरकार के उन दावों की पोल खोलती ही नज़र आती हैं जिनमें लगातार स्थिति सामान्य होने की बात कही जा रही है| हालांकि, सरकार इससे उबरने के पूरे प्रयास कर रही है|
प्लास्टिक के नोट से आ सकती है नई मुसीबत
नोटबंदी की इस पूरी प्रक्रिया में एटीएम को रिकैलीब्रेट करना सबसे मुश्किल काम बना हुआ है| यही कारण है कि पर्याप्त नकदी होते हुए भी आम जन तक रुपया नहीं पहुंच पा रहा है|
वहीँ, सरकार ने प्लास्टिक के नोट लाने की बात कह कर ये तय कर दिया है कि एक बार फिर एटीएम मशीनों को कैलीब्रेट किया जाएगा| यानी एटीएम के रिकैलीब्रेट की जो समस्या फिलहाल हमारे सामने है, वहीं समस्या इन नोटों के चलन में आने के बाद आएगी|
सबसे बड़ी बात यह है कि भारत की अधिकतर एटीएम मशीनें प्लास्टिक नोट के लिए रिकैलीब्रेट ही नहीं की जा सकती हैं| ऐसे में देश भर में अधिकतर मशीनें बदलनी पड़ेंगी| इससे देश के खजाने पर बड़ा बोझ आना तय है|
ऐसा नहीं है कि प्लास्टिक के नोट छाप कर सरकार को जबरदस्त फायदा होगा| इससे सरकार को नुकसान भी होंगे| प्लास्टिक नोट बनाने का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इसे छापने की लागत ज्यादा होती है| इसे मोड़ कर जेब या वॉलेट में रखने में दिक्कत होती है| ये नोट ज्यादा फिसलती हैं इसलिए इन्हें गिनने में दिक्कत होती है|
जबकि सरकार का तर्क है कि प्लास्टिक करेंसी साफ़ सुथरी तो होगी ही साथ ही इसका जाली नोट बना पाना मुश्किल होगा| इसके सिक्योरिटी फीचर्स की मदद से इसे आसानी से वेरिफाई किया जा सकेगा| ये नोट्स लंबे समय तक चलेंगी जिसके चलते इनकी रिप्लेसमेंट कॉस्ट कम होगी|
प्लास्टिक नोट के नुकसान
- प्लास्टिक की करेंसी का निर्माण कागज की तुलना में काफी कठिन होता है|
- प्लास्टिक के नोटों को अपने पास रखने में काफी मुश्किलें होती हैं|
- प्लास्टिक के नोटों की प्रिंटिंग में काफी लागत आती है और इनकी एटीएम मशीनें भी महंगी होती हैं|
- प्लास्टिक के नोटों की गिनती हाथों से काफी मुश्किल होती है|
बहरहाल, सरकार जल्द ही योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी कर रही है| इसका जनता पर क्या असर होगा ये तो समय ही बताएगा|