प्रेरक प्रसंग: साहस की ताकत

पुराने जमाने में एक राजा हुआ करता था, जिसे सब सनकी राजा मानते थे। वाकई में वह राजा सनकी था क्योंकि छोटी-छोटी गलतियों पर वह किसी को भी मृत्यु दंड दे देता था। राजा के महल में 30 फूलदानियाँ बहुत ही सुन्दर तरीके से सजी होती थीं और इन फूलदानियों के संग्रह को अपने महल में आने वाले सभी अतिथियों को राजा दिखाया करते थे। एक दिन उनका सेवक उन फूलदानियों की सफाई कर रहा था, सफाई करने के दौरान सेवक का हाथ एक फूलदानी से लग गया और वह गिरकर टूट गयी। राजा को जब इस बात का पता चला तो उसनें उस सेवक को फांसी पर लटकाने का आदेश दे दिया। उनके राज्य में एक बुढ़ा व्यक्ति हुआ करता था, जब उस बूढ़े को यह बात पता चली वह फ़ौरन राजा के पास गया और उस फूलदानी को जोड़ने की बात कही। इस प्रकार वह बुढ़ा व्यक्ति फूलदानी रखे हुए स्थान पर पहुंचा।

 

जैसे ही बूढ़े व्यक्ति ने देखा कि सारे फूलदानी, उसकी नजरों के सामने हैं उसनें फ़ौरन उन सभी को लाठी से एक-एक करके तोड़ना शुरू कर दिया और देखते ही देखते सारे फूलदानी टूटकर बिखर गये।

राजा इस बात से बहुत क्रोधित हुआ और बोला, – अरे मुर्ख! तुमने यह क्या कर दिया? इसकी सजा जानते हुए तुमने सारे फुलदानियों को तोड़ डाला, तुम्हें भी मृत्युदंड दिया जाएगा।

इस पर बूढ़े व्यक्ति ने दृढ़ता से जवाब दिया, महाराज! एक फूलदानी के पीछे आप किसी को मृत्युदंड दे देते हैं, यदि हर फूलदानी के बदले आप हर व्यक्ति को मृत्यु दंड देंगे, भविष्य में 29 लोगों की जान जाने की संभावना थी क्योंकि हर फूलदानी के पीछे एक व्यक्ति की जान जा सकती थी इसलिए मैंने अपने इंसान होने का फ़र्ज़ निभाया है और आज मैंने 29 लोगों की प्राण बचाई है। अब आप शौक से मुझे फांसी दे सकते हैं, मुझे किसी भी तरह का दुःख नहीं होगा। बूढ़े व्यक्ति के साहस ने राजा की आँखें खोल दी। राजा को अपनी गलतियों का एहसाह हो गया और उसनें उस बूढ़े व्यक्ति व उस सेवक को माफ़ कर दिया और उनसे भी माफ़ी मांगी।

 

दोस्तों, जब हम साहस और निर्भीकता के साथ अपनी बात पर डटकर खड़े रहते हैं तो हम हर एक बुराई का अंत कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है हम साहसी बनें, कुछ गलत होते देखें तो चुप न बैठें, साहस और चरित्र का मेल ही कामयाबी दिलाता है।

LIVE TV