
मुंबई। जहां अभी तक पीएम मोदी के नोट बंद के फैसले को विपक्षी पार्टियां (सपा, बसपा और कांग्रेस) गलत ठहरा रहीं थी, अब उसी फेहरिस्त में मोदी सरकार की सहयोगी शिवसेना का भी नाम शामिल हो गया है। शिवसेना ने पीएम मोदी के इस फैसले को गलत ठहराते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा गया है की पीएम मोदी ने उस जनता के साथ विश्वासघात किया है जिसने उन्हें इस कुर्सी पर बैठाला है। महज मुठ्ठी भर उद्योगपतियों का कालाधन बाहर निकालने के लिए उन्होंने देश की सवा सौ करोड़ जनता को सड़कों पर ला दिया।
नोट बंद के फैसले को बताया आर्थिक अराजकता
लेख में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500-1000 के नोटों को अचानक रद्द करके भारत की सवा सौ करोड़ जनता पर आर्थिक अराजकता का बम पहले ही डाल दिया है, ऊपर से 30 दिसंबर के बाद वे एक और जोरदार धमाका करने की बात कर रहे हैं। हम सरकार से पूछते हैं कि इस फैसले से काला पैसा कैसे बाहर आएगा? जिनके पास कालाधन है वे इन कतारो मे 500-1000 के नोटों के साथ नहीं खड़े हैं। उनका पैसा विदेशी बैकों मे सुरक्षित है और मोदी के फैसले से पहले ही इन पैसों को विदेश भेज दिया गया हो तो क्या उन लोगों पर क्या कार्रवाई होगी।
‘सामना’ में कहा गया है कि संभवतः प्रधानमंत्री पाकिस्तान पर परमाणु बम डालकर दाऊद सहित आतंकवाद का कारखाना खत्म कर साख में बदलने का विचार कर रहे हो। वैसे भी रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पहले ही कह दिया है कि पाकिस्तान पर हम परमाणु बम डालेंगे। हो सकता है यह धमाका 30 दिसंबर के बाद होगा। यानी अखंड भारत का सपना साकार होने मे अब सिर्फ एक महिना बचा है।
शिवसेना ने कहा कि हो सकता है 30 दिसंबर के बाद संपूर्ण देश में समान नागरिक कानून लागू करने की घोषणा होगी या कश्मीर से धारा 370 को हटाकर एक राष्ट्र, एक निशान का सपना साकार होगा। हो सकता है 30 दिसंबरकी मध्यरात्रि को अयोध्या मे राम मंदिर निर्माण की घोषणा का धमाका हो।