
दुनिया भर में प्रकृति के अद्भुत नमूने देखने को मिलते हैं. एक ही वक्त में दुनिया के किसी कोने में अंधेरा होता है तो कहीं उजाला, कहीं बारिश तो कहीं सूखा. दुनिया के कुछ हिस्से में गर्मी होती है तो कुछ हिस्सों में भीषण बर्फबारी.
सर्दी में कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है. दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां का तापमान हमेशा माइनस में रहता है. साइबेरिया में तापमान इतना कम रहता है कि पलकों की नमी से लेकर पेन की स्याही तक सब जम जाती है.
जानिए विद्या बालन करेंगी अमिताभ बच्चन की जासूसी, ये है वजह
यहां कई बार पारा -50 डिग्री सेल्यियस के नीचे भी पहुंच जाता है. इतनी सर्दी में तो इंसान के फेफड़े भी जम जाएं लेकिन इंसानों की यही काबिलियत है कि वे किसी भी परिस्थिति में खुद को ढाल लेते हैं.
अंटार्कटिका के बाद साइबेरिया को सबसे ठंडी जगह माना जाता है. यहां जीवन यापन बहुत मुश्किल है. पूर्वी साइबेरिया के ओइयाकन में सबसे निम्न तापमान -71.2 डिग्री सेल्सियस का रिकॉर्ड भी दर्ज है. यह जगह इतनी ठंडी है कि खाली प्लास्टिक बैग भी मिनटों के भीतर जम जाते हैं.
साइबेरिया के युकुत्सुक में पीरियॉडिक टेबल के सारे तत्व मिल जाएंगे. यहां की लोककथाएं भी हाड़ कंपा देने वाली ठंड के जिक्र से भरी पड़ी हैं. स्थानीय किवदंती के मुताबिक, जब सृजन के देवता पूरी दुनिया में प्राकृतिक संसाधनों को बांटने के लिए उड़ रहे थे तो वह याकुटिया पहुंचे लेकिन यहां इतनी ठंड थी कि उनके हाथ जम गए और उन्होंने यहां पर सब कुछ छोड़ दिया.
आईपीएल-12 : आज आमने-सामने होंगी सनराइजर्स हैदराबाद-मुंबई इंडियंस
फरवरी महीने से साइबेरिया बुरी तरह जम गया है. कई बार पारा -50 डिग्री से नीचे चला जाता है. ठंड के साथ-साथ बर्फीले तूफान जनजीवन को और भी ज्यादा संघर्षपूर्ण बना देते हैं.
साइबेरिया की लीना नदी सर्दी में पूरी तरह जम जाती है और लोग इसे सड़क की तरह इस्तेमाल करने लगते हैं.
बर्फीली फिसलन भरी सड़कों पर वाहन चलाना कितना मुश्किल है, इस बात का अंदाजा आप तस्वीर देखकर लगा सकते हैं.
यहां की सर्दी का अनुभव करने के लिए हर साल पर्यटक पहुंचते हैं. लेकिन स्थानीय लोगों के लिए यह कोई रोमांच नहीं बल्कि आम दिनचर्या है.