
नई दिल्ली। 4,500 लोगों पर किए गए एक शोध में पाया गया है कि जो लोग रोजाना 50 ग्राम से ज्यादा मिर्च खाते हैं उनकी याददाश्त दोगुना तक कम हो सकती है। शोध में दावा किया गया है कि 15 साल तक तीखी मिर्च वाला खाना खाने से याददाश्त में 56 फीसदी तक कमी आ सकती है।
नसों को प्रभावित करता है मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन :
वैज्ञानिकों को यह बात समझ नहीं आ रही है कि दोनों के बीच में ऐसा संबंध क्यों है, कुछ पूर्व के शोधों में बताया गया है कि मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन आपके दिमाग को तेज रखने में मदद करता है।
हालांकि, कैप्साइसिन की ज्यादा खुराक उन तंत्रिकाओं और नसों को असक्रिय करने के लिए दी जाती है जिससे दर्द का एहसास होता है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि यह नसों की व्यवहार्यता को प्रभावित करता है लेकिन यह थ्योरी अत्यधिक काल्पनिक लगती है। कुछ अन्य विशेषज्ञों ने खाने में मिर्च पसंद करने वाले लोगों से कहा है कि उन्हें अभी मिर्च छोड़ने की जरूरत नहीं है।
यह शोध कतर यूनिवर्सिटी में किया गया और इसमें यूनिवर्सिटी ऑफ सार्दर्न ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं को शामिल किया गया। शोध के लेखक जुमिन शी ने कहा, मिर्च के सेवन को पूर्व के शोधों में वजन कम करने के लिए और रक्तचाप को ठीक रखने के लिए फायदेमंद बताया गया है।
मिर्च के कई फायदे भी हैं-
शोधकर्ताओं ने जर्नल न्यूट्रिएंट्स में लिखा है कि धूम्रपान और निष्क्रियता के साथ आहार भी एक परिवर्तनीय जोखिम कारक है। मिर्च दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला मसाला है और इसका सेवन सबसे ज्यादा एशिया में किया जाता है। शोध के सह लेखक डॉ. मिंग ली ने कहा, चीन के कुछ इलाकों में जैसे शिचुआन और हुनान प्रांत में तीन में से एक वयस्क रोजाना तीखे खाने का सेवन करता है।
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मिर्च को मोटापा, रक्तचाप और जल्दी मौत के खतरे को कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन आतंरिक तनाव को कम करता है। शोध के परिणामों से पता चला कि जिसने ज्यादा तीखा खाना खाया था उनकी याददाश्त खराब थी। मिर्च न खाने वालों की तुलना में रोजना 50 ग्राम से ज्यादा मिर्च खाने वालों की याददाश्त दोगुनी खराब थी।