
भारत सरकार ने देश कि अर्थवयवस्था में सुधर लाने के लिए एक बड़ा एलान कर चुकी हैं . वहीं देश के वित्त मंत्री का कहना हैं कि सभी सरकारी बैंकों का विलय कर दिया जाए. जहां 10 बैंक मिलकर 4 बैंक बनाए गये हैं. जिसके बाद अब 18 से घटकर सिर्फ 12 बैंक रह गये हैं.
बतादें कि वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय होगा. इसके साथ ही यह पांचवां सबसे बड़ा बैंक जाएगा. वहीं इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय होगा. जिसके बाद यह सातवां सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा. इसके अलावा केनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक के साथ मर्जर होगा.
भारतीय अर्थवयवस्था में सुधार लाने के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला , मर्ज होकर बनेंगे 4 बड़े बैंक…
दरअसल देश में अब 12 PSBs बैंक रह गए हैं. इससे पहले साल 2017 में पब्लिक सेक्टर के 27 बैंक थे. पिछले 2 साल में पीएसयू बैंकों की संख्या अब 27 से घटकर 12 हो गई है. मर्जर के बाद पीएसयू बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी.
अब 12 बैंकों में 1. (पंजाब नेशनल बैंक+यूनाइटेड बैंक+ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स), 2. (केनरा बैंक+सिंडिकेट बैंक) 3. (इंडियन बैंक+इलाहाबाद बैंक), 4. (बैंक ऑफ इंडिया+आंध्रा बैंक+कॉरपोरेशन बैंक), 5. बैंक ऑफ इंडिया, 6. बैंक ऑफ बड़ौदा, 7. बैंक ऑफ महाराष्ट्र, 8. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, 9. इंडियन ओवरसीज बैंक, 10. पंजाब एंड सिंध बैंक, 11. भारतीय स्टेट बैंक और 12. यूको बैंक रह गए हैं.