तेज आवाज वाले पटाखों पर केरल हाईकोर्ट ने प्रतिबंध लगाया
केरल उच्च न्यायालय ने पुत्तिंगल देवी मंदिर घटना की पृष्ठभूमि में उत्सवों के दौरान रात में तेज आवाज वाले पटाखों को जलाने पर रोक लगा दी है और दिन के समय धीमी आवाज के पटाखों को ही जलाने की मंजूरी दी है।
न्यायमूर्ति चिदम्बरेश ने पारावुर के पुत्तिंगल देवी मंदिर में भीषण आग लगने की घटना के बाद तेज आवाज के पटाखों की आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करने के लिए एक पत्र दायर किया था।
न्यायमूर्ति थोताथिल एन.एन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अनु शिवरमन की खंडपीठ ने इस पत्र पर विचार करते हुए कहा कि दिन के समय केवल 140 डेसीबल तक के पटाखों की आतिशबाजी को ही मंजूरी दी जाएगी और ऐसे पटाखे कानूनी नियमों के अनुसार बने होने चाहिए।
न्यायालय ने सरकारी वकील को इस संबंध में हलफनामा दायर करने के लिए दस दिन का समय दिया है। साथ ही जिला और पुलिस प्रशासन को पुत्तिंगल देवी मंदिर हादसे पर हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए हैं। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
यह पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह इस संबंध में हो रहे उल्लंघनों की जांच करें और अगर कुछ गलत पाया जाता है तो उनके पास दोषियों को गिरफ्तार करने का अधिकार है। मंदिर प्रशासन भी इस घटना के लिए जिम्मेदार है।