बेटियों का कृषि शिक्षा की तरफ बढ़ रहा रुझान
मेरठ: डॉक्टर और इंजीनियरिंग के साथ ही बेटियां कृषि शिक्षा में भी किस्मत आजमा रही हैं। कृषि क्षेत्र की हर बारीकी को सीख रही हैं। स्नातक से लेकर पीजी तक छात्राओं की संख्या ठीकठाक है। वैज्ञानिक बनने के लिए रिसर्च भी कर रही हैं।
रोजगार के बढ़ते अवसरों को देखते हुए लड़कियां का इस क्षेत्र में रुझान बढ़ा है। भारत में कृषि शिक्षा ग्रहण करने वाले लोगों की बेरोजगारी का प्रतिशत सबसे कम है, जिसके चलते युवाओं का क्रेज इस ओर बढ़ रहा है।
भारत सरकार ने 2030 तक कृषि उत्पादकता दोगुनी करने का फैसला किया है। इसके लिए कृषि में छात्र-छात्राओं की मांग और बढे़गी। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पढ़ रही बेटियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले वर्षों की तुलना में हर साल 15 से 20 प्रतिशत लड़कियों की संख्या बढ़ रही है। बीएससी एजी, एमटेक बायोटेक और पीएचडी में भी संख्या अच्छी है।
छात्राओं की संख्या पर नजर
2011
बीएससी एजी 5
बीटेक बायोटेक 29
एमएससी 3
एमटेक एईएफटी 3
एमटेक बायोटेक 10
पीएचडी 3
2012
बीएससी एजी 6
बीटेक बायोटेक 28
एमएससी एजी 6
एमटेक एईएफटी 4
एमटेक बायोटेक 12
पीएचडी 10
2013
बीएसी एजी 15
बीटेक बायोटेक 17
एमएससी 9
एमटेक एईएफटी 4
एमटेक बायोटेक 7
पीएचडी 7
2014
बीएससी एजी 11
बीटेक बायोटेक 23
एमएससी 8
एमटेक बायोटेक 11
एमटेक एईएफटी 8
पीएचडी 8
2015
बीएससी एजी 10
बीटेक बायोटेक 18
एमएससी 12
एमटेक बायोटेक 15
एमटेक एईएफटी 7
पीएचडी 10
प्रस्तुति :- अक्षय कुमार