प्रभु श्रीराम के जीवन आदर्शों के बारे में जानकार आधिक से अधिक लोग प्रेरित हो सकेंगे। इसके लिए काशी में राम के नाम पर पहले वर्चुअल स्कूल का शुभारंभ हुआ है। ‘स्कूल ऑफ राम’ के माध्यम से लोगों को प्रभु श्रीराम के जीवन के आदर्शों के बारे में बताया जाएगा। उनके संदेशों को पोस्टर, वीडियो, शॉर्ट फिल्म, ग्राफिक्स की सहायता से प्रसारित किया जाएगा।

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय प्रो. रजनीश कुमार शुक्ला ने उद्घाटन समारोह में कहा कि, ‘प्रभु श्रीराम भारतीय समाज के आदर्श हैं। उनके व्यक्तित्व को सबके सामने ले जा सके यह सोचना भी रामकृपा ही है। प्रो. शुक्ला ने कहा कि भारत की आन-बान और शान हैं। भारत की जो अनादि सांस्कृतिक धारा हैं, उसमें भी सर्वत्र राम ही हैं।’विश्व के सब ही धर्मों में प्रभु राम को आदर्श पूर्वज मानते हैं। इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम देश में इस्लाम को मानने वाले लोग भी रामकथा की पूजा करते है। नेशनल यूथ आवर्डी डॉ. रामदयाल सैन ने भी जानकारी दी। स्कूल ऑफ राम के संयोजक और बीएचयु छात्र प्रिंस तिवाड़ी ने बतया कि, ‘स्कूल ऑफ राम के मध्याम से भवान राम के जीवन आदर्शों को जन-जन तक लेकर जायेंगे। कार्यक्रम में विद्या भारती हरियाणा के प्रांत संगठन मंत्री रवि कुमार, अवनीश भटनागर के साथ ही डॉ. अशोक सोनकर आदि लोग भी शामिल हुए।