आजम खां पर जबरन भैंस खुलवाने का केस, कभी इनके तबेले से भैंस चोरी होने पर मचा था हड़कंप

Report-Faheem Khan/Rampur

यूपी के रामपुर में सपा सरकार के दौरान आजम खां के तबेले से भैंस चोरी होने पर सूबे की पुलिस में हड़कंप मच गया था और पूरे उत्तर पदेश में भैसों को।

ढूंढा गया था 24 घंटे में पुलिस ने भैंसें बरामद करने का दावा किया था और आज़म की भैसों को पुलिस एस्कॉर्ट करती हुए सम्मान से रामपुर लाई थी लेकिन, अब वही आजम खां गरीबों के तबेले से जबरन भैंसे खुलवाने में फंस गए हैं।

आज़म खान

आजम खां, उनके मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू, तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन, एसओजी के एक सिपाही धर्मेंद्र समेत 36 लोगों के खिलाफ  शहर कोतवाली में चार अलग-अलग मुकदमें दर्ज किए गए हैं।

आरोप है कि आजम ने यह सब रामपुर पब्लिक स्कूल के लिए जमीन कब्जाने के लिए किया। इसमें यतीमखाना के बाशिंदों के घरों तक को ढहा दिया गया था।

शहर कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला घोसियान में यतीमखाने की जमीन है। सपा सरकार में जमीन को खाली कराया गया था। जिस पर आजम खां का रामपुर पब्लिक स्कूल वर्तमान में निर्माणाधीन है।

पिछले दिनों फैसल लाला यतीमखाने के पीड़ित परिवारों के साथ डीएम और एसपी से मिले थे। यतीमखाना के लोगों ने डीएम-एसपी से शिकायत की थी कि 15 अक्तूबर 2016  को ये लोग उनके घर पहुंचे, घर का दरवाजा तोड़ दिया. घर में घुसकर मारपीट की और जेवर और नगदी को लूट लिया था। आरोपी भैंस भी खोल ले गए थे।

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आरोप है कि तत्कालीन सीओ आले हसन खां ने शोर मचाने पर चरस बरामदगी दिखाकर जेल भेजने की धमकी दी थी। इन लोगों का कहना था कि यह जमीन आजम खां की है, जहां स्कूल बनाया जाएगा। इसलिए छोड़कर चले जाओ।

बाद में घरों पर बुल्डोजर चलवा दिया। इसके बाद यही आरोप लगाते हुए मन्ने, नन्हें, आसिफ अली और जाकिर अली ने शहर कोतवाली में तहरीर दी। पुलिस ने पहले इन आरोपों की जांच की और बाद में सभी नामजद आरोपियों और 30-35 अज्ञात लोगों के खिलाफ चार अलग-अलग मुकदमें दर्ज कर लिए हैं ओर अपनी कार्यवाही शुरू कर दी है।

 

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