
भारतीय सेना की जितनी तारीफ की जाए कम है. अक्सर सेना का धन्यवाद करने के लिए कई कार्यक्रम, फिल्में और गाने बने हैं. सेना के जवान देश की रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. सेना के लिए हम चाहे जितना भी कर लें, उनका कर्ज कभी नहीं उतार सकते हैं. जवानों और उनकी वीर गाथाओं के साथ-साथ देश पर हुए आक्रमण के बारे में करीब से जानना हर देशवासी के लिए बेहद खास अनुभव होता है. अगर आप भी भारतीय सेना के इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं तो एक बार देश के इन मिलिट्री संग्रहालयों में जरूर जाना चाहिए.
इन संग्रहालयों में देश की सशस्त्र सेना के गौरवमयी इतिहास के बारे में बताया जाता है. इन संग्रहालयों में कई हथियार, वाहन और एयरक्राफ्ट रखे गए हैं, जिनका प्रयोग सालों से भारतीय सेना द्वारा किया जा रहा है.
कुरसुरा पनडुब्बी संग्रहालय
विशाखापट्टनम में आईएनएस कुरसुरा पनडुब्बी संग्रहालय एक असली पनडुब्बी में प्रवेश करने का मौका देता है. यहां आकर पता चलेगा कि सबमरीन के अंदर लोग किस तरह से रहते हैं. एशिया में इस तरह का ये पहला संग्रहालय है, जिसका उद्घाटन वर्ष 2002 में हुआ था. इसे अभी भी नौसेना से ड्रेसिंगशिप का सम्मान दिया जाता है, जो केवल सक्रिय जहाजों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है.
जैसलमेर वॉर म्यूजियम
जैसलमेर से 10 किमी की दूरी और जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर स्थित जैसलमेर वार म्यूजियम भारतीय सेना द्वारा बनाया गया है. इस संग्रहालय को 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध और 1971 में लोंगेवाला युद्ध में शहीद हुए जवानों के त्याग और बहादुरी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बनाया गया है. कई युद्ध ट्रोफियां और विंटेज वॉर उपकरण रखे गए हैं.
भारतीय युद्ध मेमोरियल म्यूजियम
नई दिल्ली लाल किले परिसर के अंदर नौबत खाना में स्थित यह संग्रहालय ब्रिटिशों के शासनकाल के दौरान भारतीय सेना के गौरान्वित कार्यों को समर्पित है. यहां पर पानीपत युद्ध से जुड़ी कई दिलचस्प जानकारियां जानने का मौका मिलेगा और यहां कई पांरपरिक हथियार जैसे डैगर्स, गुप्ती और हैल्मेट्स आदि भी हैं.
साथ ही कई मैडल, रिबन और झंडे और वर्दी भी रखी गई हैं, जो तुर्की और न्यूजीलैंड के सैनिक अफसरों से संबंधित है.
नौसेना विमानन संग्रहालय
गोवा में भारतीय नौसेना का संग्रहालय भी पर्यटकों के बीच फेमस है. ये दो भागों में विभाजित है, जिसमें एक बाहरी प्रदर्शनी और दूसरी भीतरी गैलरी है.
कवाल्री टैंक म्यूजियम
महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित कवाल्री म्यूजियम कवाल्री टैंक को समर्पित एशिया का पहला संग्रहालय है. इस म्यूजियम में 50 से ज्यादा विंटेज प्रदर्शनी लगी हैं, जिनमें सबसे पुरानी रोल्स रॉयस की आर्मर्ड कार है. कुछ चीजें प्रथम विश्व युद्ध की याद दिलाती हैं. 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध के कई ट्रॉफी टैंक भी रखे गए हैं.
सामुद्रिका नेवल मरीन म्यूजियम
पोर्ट ब्लेयर में स्थित इस संग्रहालय को फिशरिस म्यूजियम के नाम से भी जाना जाता है. इस संग्रहालय को भारतीय नौसेना द्वारा संचालित किया जाता है. इस संग्रहालय का उद्देश्य अंडरवॉटर पर्यावरण और मरीन लाइफ के बारे में लोगों को जागरूक करना है. ये पांच भागों में बांटा है और यहां अंडमान आईलैंड से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त होगी.