World Post Day: आगरा का डाक विभाग क्यों है खास?
रिपोर्ट- बृज भूषण
आगरा। डाक विभाग कई दशकों तक देश के अंदर ही नहीं, बल्कि एक देश से दूसरे देश तक सूचना पहुंचाने का सर्वाधिक विश्वसनीय, सुगम और सस्ता साधन रहा है। लेकिन इस क्षेत्र में निजी कंपनियों के बढ़ते दबदबे और फिर सूचना तकनीक के नए माध्यमों के प्रसार के कारण डाक विभाग की भूमिका लगातार कम होती गई है। वैसे, इसकी प्रासंगिकता पूरी दुनिया में आज भी बरकरार है। वर्तमान में डाक विभाग का एकाधिकार लगभग खत्म हो गया है। यही कारण है कि डाक विभाग दुनियाभर में अब कई नई तकनीकी सेवाओं से जुड़ रहा है। दुनियाभर में 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस यानि World Post Day के तौर पर मनाया जाता है।
आज डाक यानि पोस्ट का नाम आते ही पुराने दिनों की याद आ जाती है। इसके साथ ही याद आती है, उस चिट्ठी पर लगी डाक टिकट की। डाक टिकटों का सफर भी काफी लंबा रहा है। डाक टिकट पर अक्सर हम उन लोगों को देखते हैं, जिन्होंने जीवन में बहुत महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर नाम कमाया है। हमारे महापुरुषों से लेकर देश की धरोहरों पर भी एक से बढ़कर एक डाक टिकट जारी हुई है।
इन मामलों में आगरा का भी झंडा बुलंद रहा है। आगरा में सुप्रसिद्ध लोग, स्थान और प्रेम का प्रतीक ताजमहल पर भी डाक विभाग ने डाक टिकट जारी की है।आजादी के बाद डाक विभाग ने सबसे पहले तिरंगे की टिकट जारी किया था। जिसकी कीमत साढ़े तीन आने थी। उसके बाद निरंतर विभाग टिकट जारी करता चला आ रहा है। आगरा से विभाग ने सूरदास, बाबू गुलाब राय, ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी पर भी अभी तक डाक टिकट जारी की है। इन सभी ने आगरा के साथ-साथ देश को भी गौरवान्वित किया है।
विभागीय अधिकारियों का मानना है कि ताज महल पर 16 दिसम्बर 2004, आगरा किला पर 28 नवम्बर 2004, पर डाक टिकट और शीरोज पर लास्ट ईयर डाक अंतर्रा्ष्ट्रीय महिला दिवस पर डाक का स्पेशल कवर जारी किया गया था। वहीं इसके अलावा भारत- कनाडा, भारत पुर्तगाल सहित कई संयुक्त डाक टिकट भी जारी किये है।
आगरा के प्रधान डाकघर में बना डाक टिकट संग्रहालय भारतीय इतिहास सहित, भारत की गौरवगाथा, पराक्रम और आजादी की कहानी संजोय बैठा है। इस संग्रहालय में 1885 का पोस्ट कार्ड का संग्रह सबसे अनौखा है। वहीं इस संग्रहालय में ब्रिटिशकाल की एक आयरन की करेंट चेस्ट और एक ऐतिहासिक लेटर बॉक्स भी मौजूद है। भारतीय डाक विभाग आज विश्व डाक दिवस मना रहा है।
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आगरा में टिकट को संग्रह करने का लोगों में जबरदस्त क्रेज है। शहर मे तकरीबन 1800 से अधिक लोग ऐसे है जिन्हे डाक टिकट लांच होते ही संरक्षित करने की ललक होती है। आए दिन संगहकर्ता कार्यालय पहुंचकर लेटेस्ट टिकट के बारे में जानकारी करते है और तत्काल उसे अपने संग्रहालय में जोड़ लेते है। लेकिन डाक विभाग की उदासीनता के चलते इस संग्रहालय में दर्शकों की कमी से साफ दिखायी देती है।