अस्पताल की लिफ्ट दुर्घटनाग्रस्त होने से बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की मौत, परिवार ने की तोड़फोड़
मेरठ के कैपिटल अस्पताल में हुई इस घटना से अफरातफरी मच गई, क्योंकि महिला मरीज के रिश्तेदारों ने विरोध प्रदर्शन किया और संपत्ति में तोड़फोड़ की।
मेरठ में शुक्रवार को एक अस्पताल में लिफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने से एक महिला की मौत हो गई, जिसने अभी-अभी बच्चे को जन्म दिया था। लोहिया नगर के कैपिटल अस्पताल में हुई इस दुखद घटना में दो अन्य लोग भी घायल हो गए। घटना के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि मरीज के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया और संपत्ति में तोड़फोड़ की।
यह घटना उस समय हुई जब करिश्मा नाम की महिला को प्रसव के बाद ग्राउंड फ्लोर पर स्थित वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा था। लिफ्ट में उसके साथ अस्पताल के दो कर्मचारी भी थे। जैसे ही लिफ्ट नीचे उतरने लगी, उसका केबल टूट गया और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई। करिश्मा के सिर और गर्दन पर गंभीर चोटें आईं, जिससे उसकी मौत हो गई। अस्पताल के दो कर्मचारी घायल हो गए, जिन्हें 45 मिनट बाद लिफ्ट का दरवाज़ा तोड़कर बाहर निकाला गया। मरीज़ के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि घटना के तुरंत बाद अस्पताल के कर्मचारी मौके से भाग गए।
करिश्मा और घायलों को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन करिश्मा को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद महिला के परिजनों ने कैपिटल अस्पताल में हंगामा किया और तोड़फोड़ भी की। हंगामे के बीच अस्पताल में भर्ती 13 मरीजों को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पीड़ित परिवार ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया। एक रिश्तेदार ने इंडिया टुडे को बताया, “मेरे भाई की पत्नी ने अभी-अभी बच्चे को जन्म दिया था। लिफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, उसे बचाने में लगभग 45 मिनट लग गए। अस्पताल के कर्मचारी मैकेनिक को बुलाने या कोई मदद करने के बजाय मौके से भाग गए। यह एक भयावह और दर्दनाक घटना थी।”
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आयुष विक्रम ने बताया कि महिला का बच्चा सुरक्षित है और उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया, “संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अस्पताल का स्टाफ फरार है।”
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अशोक कटारिया ने कहा कि हो सकता है कि लिफ्ट ओवरलोडिंग के कारण टूटी हो। उन्होंने कहा, “लिफ्ट के रखरखाव के रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। अगर कोई लापरवाही पाई जाती है, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने कहा कि लिफ्ट का तकनीकी निरीक्षण किया जा रहा है और यदि कोई खामी पाई गई तो अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।