मार्च में बढ़ी थोक महंगाई दरें , खुदरा मुद्रास्फीति की स्थिति संतोषजनक, जाने सरकारी आकड़े

(अराधना)

थोक महंगाई की दरें लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके कारण रोजमर्रा की चीजों के दामों में बढ़ोत्तरी की गई है। इसका सीधा असर आम जनता पर हो रहा है। मार्च महीने में थोक महंगाई दर 14.55 फीसदी के स्तर पर पहुंच चुकी है। गौरतलब है कि इससे पहले फरवरी महीने में यह 13.11 की दर से बढ़ी थी। केंद्र सरकार ने कहा कि इस महंगाई का कारण रुस-युक्रेन के बीच युद्ध है।

सब्जियों पर राहत, ईंधन पर आफत

सरकारी आकड़ो के अनुसार मार्च महीने में सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों पर महंगाई कम तो हुई है, लेकिन  ईंधन और बिजली के दामों में वृद्धि भी दर्ज की गई है। फरवरी में सब्जियों की महंगाई दर 26.93 थी, जिसे मार्च में घटाकर 19.88 फीसदी की गई। ईंधन और बिजली पर महंगाई दर 31.50 फीसदी थी, जो मार्च में 34.52 फीसदी हो गई है। वहीं अन्य खाद्द पदार्थों की महंगाई दर 8.19 से घटकर 8.06 पर आ गई है।

पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में लगी आग

क्रूड और पेट्रोलियम पदार्थों की महंगाई दर में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। फरवरी में इसकी महंगाई दर 55.17 फीसदी थी, जो बढ़कर 83.56 फीसदी पर आ गई। अन्य क्षेत्रों में देखें तो प्राइमरी आर्टिकल पर महंगाई दर 13.39 फीसदी बढ़कर 15.54 फीसदी, विनिर्मित उत्पादों पर 9.84 से बढ़कर 10.71 फीसदी और कमोडिटी इंडेक्स में 2.69 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जारी सरकारी आकड़ो के अनुसार देश में थोक महंगाई दर पूर्व में जताए गए अनुमान से भी अधिक रही है। विशेषज्ञों ने अनुमान जताया था कि यह बढ़कर 13.30 फीसदी पर रहेगी।

12 महीने से दोहरे अंकों में थोक महंगाई

हर महीने थोक महंगाई में लगातार वृद्धि के कारण देश की आम जनता को करारा झटका लगा है। हालात ये हैं कि थोक महंगाई का आंकड़ा बीते 12 महीनों से दोहरे अंकों में बना हुआ है। इसके साथ ही आपको बता दें कि मार्च महीने में थोक महंगाई का स्तर बीते चार महीने या नवंबर 2021 के बाद से सबसे अधिक है। जिसके लिए रूस-युक्रेन युद्ध को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

रुस-यूक्रेन युद्ध का दिखा असर

केंद्र सरकार ने देश में महंगाई दर के आकड़े को लेकर बयान जारी कर कहा कि मार्च 2022 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, मूल धातुओं समेत अन्य चीजों की कीमतों में वृद्धि की वजह से है।

17 माह के उच्च स्तर पर खुदरा महंगाई

सरकार द्वारा जारी किए गए पूराने आकड़े को देखें तो मार्च में खुदरा महंगाई बढ़कर 6.95 फीसदी पर आ गई है। इससे पहले फरवरी में खुदरा महंगाई 6.07 फीसदी की दर से बढ़ी थी।  यह लगातार तीसरा महीना है जबकि खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। इससे पहले अक्तूबर 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति 7.61 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। यह खुदरा मुद्रास्फीति पिछले 17 महीने में सबसे ज्यादा है। मुद्रास्फीति अब भी भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।

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