VETO पर भारत ने यूएन से की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग

veto-power_5710ca7048836एजेंसी/संयुक्त राष्ट्र : आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाए जाने की अपनी मांग को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ पहुंचे भारत ने गुप्त वीटो पावर के इस्तेमाल और इसके लिए जवाबदेही तय करने की मांग की है। कुछ ही दिनों पहले चीन ने अपनी वीटो के इस्तेमाल से जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध को रोक दिया था। इसी के कुछ दिनों बाद भारत ने इस मसले को जोरदार तरीके से उठाया है। यूएनओ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि वैश्विक संस्था ने अपने सदस्य देशों को प्रतिबंध को रोकने का कोई कारण नहीं बताया है।

अलकायदा और आईएसआईएस प्रतिबंध समितियों की सर्वसम्मति और नाम गुप्त रखने की प्रक्रियाओं की समीक्षा की जरूरत है। इनके चलते जवाबदेही का अभाव होता है। सैयद अकबरूद्दीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद पर चर्चा के दौरान भाषण दे रहे थे।

इससे पहले भी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने एक बयान में अजहर को काली सूची में डालने के प्रयास पर चीन द्वारा की गई हिमाकत की आलोचना करते हुए कहा था कि यह उस प्रतिबद्धता को जाहिर नहीं करता। जो संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद के सफाए के लिए कही थी।

स्वरुप ने कहा था कि यूएन आतंकवाद से निपटने के लिए पक्षपात की नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि इसके काम करने के तरीके, जो सर्वसम्म्ति और पहचान गुप्त रखने के सिद्धांतों पर आधारित हैं, समिति को आतंकवाद से लड़ने में चयनात्मक दृष्टिकोण अपनाने की ओर ले जा रही है। इसके बचाव में चीन ने कहा था कि मसूद अजहर उन मानदंडो को पूरा नहीं करता जो यूएन ने प्रतिबंध के लिए बनाए है।

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