
फिल्म– वीरे दी वेडिंग
रेटिंग– 3.5
सर्टिफिकेट– A
स्टार कास्ट– करीना कपूर खान, सोनम कपूर, स्वरा भास्कर, शिखा तल्सानिया, सुमित व्यास
डायरेक्टर– शशांक घोष
प्रोड्यूसर– शोभा कपूर, एकता कपूर, अनिल कपूर, रिया कपूर, निखिल द्विवेदी
अवधि – 2 घंटे 15 मिनट
म्यूजिक– शाश्वत सचदेव, विशाल मिश्रा
कहानी– वीरे दी वेडिंग की कहानी चार लड़कियों की दोस्ती पर आधारित है। कालिंदी (करीना कपूर), अवनी (सोनम कपूर), साक्षी (स्वरा भास्कर) और मीरा (शिखा तल्सानिया) चारों की जिंदगी की कहानी कहीं न कहीं आज के दौर की लड़कियों की कहानी से काफी इत्तेफाक रखती है। चारो लड़कियों की कहानी उनकी रिलेशनशिप से जुड़ी हुई है। मीरा घर से भाग कर एक एनआरआई से शादी कर चुकी है। उसका एक बच्चा भी है लेकिन उसकी लाइफ में अब कोई खुशी और एक्साइटमेंट नहीं है। साक्षी को अपनी जुबान पर कभी भी कंट्रोल नहीं रहता है। कभी भी किसी से भी गाली गलौज से बात करती है। उसकी शादी तलाक की कगार पर पहुंच चुकी है। अवनी की मां (नीना गुप्ता) उसके लिए रिश्ते ढूंढ रही हैं। लेकिन उसे कोई समझ ही नहीं आता है। और अगर समझ आता है तो उससे बनती नहीं है। इनके अलावा कालिंदी पुरी की नई नई शादी होने जा रही है।
कालिंदी और ऋषभ (सुमित व्यास) रिलेशनशिप में होते हैं। एक दिन ऋषभ कालिंदी को प्रोपोज करता है। काफी न नुकुर के बाद कालिंदी शादी के लिए हां कर देती है। हां के बाद बाकी तीनों सहेलियां अपनी वीरे यानी कालिंदी की शादी की तैयारियों में जुट जाती हैं।
शादी की तैयारियों के बीच इन चारों के लिए कई फ्रस्टेट कर देने वाले मोमेंट आते हैं। क्योंकि ये चारों खुले विचारों वाली लड़कियां हैं तो इन्हें दिखावा और बंदिशे बिल्कुल भी पसंद नहीं है। अपने रिश्ते के लिए हर एक रिश्तेदार के मन की करना। बात-बात पर लोगों का टोकना ऐसे बैठे, ये मत करो, ऐेसे कपड़े पहनों, ऐसे मत बोलो, ये सब कुछ उन्हें इरीटेट कर देता है। एक वक्त पर कालिंदी अपने और ऋषभ के रिश्ते को तोड़ने का फैसला लेती है। इससे कोई खुश नहीं होता है। लेकिन हर मुश्किल समय में चारों सहेलियां एक दूसरे का सहारा बनी रहती हैं। अब कहानी किस अंजाम तक पहुंचती है? कितने रिश्ते टूटते हैं? कितने बनते हैं? किसको कम्प्रोमाइज करना पड़ता है? इन सभी सवालों को जानने के लिए आपको सिनेमाहॉल जाना पड़ेगा।
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एक्टिंग– एक्टिंग के मामले में अगर केवल चारों लीड एक्ट्रेस की ही बात की जाए तो गलत होगा। फिल्म में करीना, सोनम, स्वरा और शिखा के अलावा किसी ने इम्प्रेस किया है तो वो हैं सुमित व्यास। इन चारों की ग्लैमरस और टैलेंटेड लड़कियों के बीच सुमित अपने किरदार को यादगार बनाने में पूरी तरह कामयाब रहे हैं। फिल्म देखने के बाद अगर आप कालिंदी, अवनी, मीरा और साक्षी को याद करेंगे तो ऋषभ को भी भूल नहीं पाएंगे। करीना के कमबैक के नजरिए से देखें तो उनकी एक्टिंग और एक्सप्रेशन में किसी तरह की कोई कमी नहीं है। शिखा की डायलॉग डिलीवरी काफी अच्छी है। वहीं सोनम और स्वरा का तेज तर्रार अंदाज अच्छा है। इनके अलावा सपोर्टिंग कास्ट ने भी अच्छी कोशिश की है।
डायरेक्शन– फिल्म के हर एक पार्ट को परफेक्ट और रियल दिखाने की कोशिश की है। डायलॉग, बोली, भाषा, आउटफिट, लुक, मेकअप सभी बातों पर अच्छे से ध्यान दिया गया है। ऐसा पहली बार नहीं है जब ऐसे किसी नजरिए को पेश किया गया है लेकिन इन चार सहेलियों की कहानी आपको अट्रैक्ट करने में कामयाब होती है। हालांकि कुछ कुछ जगह ज्यादा बोल्डनेस थेड़ी सी अखरती भी है जो कि नकली लगने लगती है।
म्यूजिक – फिल्म का म्यूजिक ओवरऑल अच्छा है। कुछ गाने जैसे कि ‘तरीफां’ और ‘भागड़ा’ दर्शकों के बीच खास जगह बना चुके हैं।
देखें या नहीं– समाज की कुछ अखरती परंपराओं पर सवाल उठा रही इन बोल्ड लड़कियों कहानी आप सिनेमा घर में देखने जा सकते हैं।