ऐसे तो नहीं खुलता घर का दरवाजा? यही है सभी समस्याओं की जड़
घर के दरवाजे सुंदर और आकर्षक होने चाहिए। इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों के कारण मौजूद हैं। दरवाजे ही हमारे घर की वास्तविक स्थिति बता देते हैं। यदि किसी व्यक्ति के घर के दरवाजे टूटे हुए हैं तो अधिकांश परिस्थितियों में ऐसा होता है कि उस घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं रहती है।
टूटे दरवाजे नकारात्मक ऊर्जा को अधिक सक्रिय कर देते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रोक देते हैं। ऐसे घर में रहने वाले लोगों के विचार भी नेगेटिव ही रहते हैं। आइए जानते हैं वास्तु के इन्हीं सिद्धांतों के बारे में जिनसे दरवाजे से जुड़ी समस्या का समाधान हो सके।
- घर में प्रवेश का केवल एक मुख्य द्वार होना चाहिए।
- विपरीत दिशा में दो मुख्य द्वार नहीं बनाना चाहिए।
- मुख्य दीवार, जिसमें आपको दरवाजा लगाना है। उसे नौ बराबर भागों में बाँटिए। दाएँ से पाँच भाग छोड़कर तथा बाएँ से तीन भाग छोड़कर बीच में बचे खाली भाग में दरवाजा लगाएँ।
- मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की प्रतिमा या धर्म संबंधी शुभ संकेत लगाना वास्तु के अनुसार शुभ माना जाता है।
- घर के सभी खिड़की व दरवाजे एक समान ऊँचाई पर होने चाहिए।
- दरवाजे के भीतर दरवाजा नहीं बनाना चाहिए।
- किसी मंदिर में चारों दिशाओं में आप दरवाजे लगा सकते हैं।
- घर के ऊपरी माले के दरवाजे निचले माले के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए।
- सीढ़ियों के दरवाजे का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।
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