Uttarakhand: 15 दिन के अंदर प्रवासियों को लाएगी राज्य सरकार, किराया वहन केरगी सभी का

उत्तराखंड। लॉकडाउन होने के बाद अपने गृह राज्य वापिस आने के लिए कई मजदूर पैदल ही सफर करने लगे. संक्रमण न बढ़ जाए इसलिए उनके वापिस जाने की जिम्मेदारी सरकार ने  उठाई. कई प्रवासी मजदूरों को घर वापिस लेने जाने के लिए 6 स्पेशस ट्रेनों का भी इंतजाम किया गया. उत्तराखंड में परिवहन निगम की बसों और निजी वाहनों के बाद अब राज्य सरकार ट्रेनों से अन्य राज्यों में फंसे सभी प्रवासियों को सुरक्षित घर लाएगी. राज्य ने केंद्र को 12 ट्रेनों का प्रस्ताव भेजा है.

 

लौटने वाले प्रवासियों का किराया राज्य सरकार ही वहन करेगी। मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि सभी प्रवासियों को 15 दिन के अंदर वापस लाने का लक्ष्य रखा गया है।

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दक्षिण के राज्यों से ट्रेन के माध्यम से यात्री लाए जाएंगे। पुणे और अहमदाबाद व सूरत में फंसे लगभग छह हजार प्रवासियों की सूची वहां की प्रदेश सरकार और रेल मंत्रालय को भेजी जा चुकी है।

 

हरिद्वार और काठगोदाम में इन यात्रियों को लाया जाएगा और उससे आगे छोटे वाहनों से गृह जनपद में भेजने की व्यवस्था की जा रही है।

 

केंद्र सरकार की ओर से विदेश में फंसे प्रवासियों की भारत वापसी के लिए शुरू की जा रही विमान सेवा में भी उत्तराखंड के प्रवासियों को भी लाया जाएगा। मुख्य सचिव ने इस बाबत विदेश मंत्रालय से बात कर ली है।

 

प्रवासियों के लिए नए नियम, डीएम नोडल अफसर

अन्य राज्यों से डेढ़ लाख से ज्यादा प्रवासियों की वापसी के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने नई एसओपी- मानक प्रचालक विधि जारी की है।

इसमें जिलाधिकारियों को नोडल अफसर बनाया है। अभी तक प्रदेश में राज्य स्तर पर दो नोडल अफसर होते थे। अब संबंधित जिले के डीएम अपने स्तर पर राज्यों के प्रवासियों से बात कर सकेंगे।

13 जिलों के डीएम अब ये काम करेंगे। इससे लोगों की आवाजाही में तेजी आएगी। इसके लिए डीएम परमिट जारी करेंगे।

कंटेनमेंट जोन से न कोई आएगा और न ही कोई इस जोन में भेजा जाएगा। अन्य राज्यों में फंसे रिश्तेदारों को भी लाने की परमिशन दे दी गई है। यह अनुमति डीएम की ओर से दी जाएगी।

 

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