Uttarakhand: दूसरे राज्यों से घर वापसी के लिए 87 हजार लोगों ने करवाया पंजीकरण, फंसे लोगों की सूची होगी साझा

लॉकडाउन अब दो हफ्तों के लिए और बढ़ चुका है. ऐसे में कई लोग किसी न किसी वजह से दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं और अपने घरों को लौटना चाहते हैं. इसी चाह को देखा जा सकता है उत्तराखंड सरकार के पास आए घर वापसी के लिए  पंजीकरण के आंकड़े. दरअसल, उत्तराखंड से बाहर दूसरे राज्यों में फंसे 87 हजार लोगों ने उत्तराखंड सरकार के पास घर वापसी के लिए पंजीकरण करवाया है.

 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फंसे लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार शनिवार से अन्य राज्यों के साथ फंसे लोगों की सूची साझा करने की प्रक्रिया शुरू कर देगी। सीएम आवास पर शुक्रवार शाम हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित राज्यों से समन्वय बनाते हुए सुनियोजित तरीके से सारी व्यवस्था की जाए।

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इसमें पूरी सावधानी के साथ व्यक्तिगत दूरी, मास्क, सैनिटाइजेशन आदि मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए। केंद्र सरकार के जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही सारी कार्यवाही हो। राज्य में आने पर यदि होम क्वारंटीन किया जाना है तो उसकी व्यवस्था सुनिश्चित कर कड़ी निगरानी की जाए।

 

नोडल अधिकारी और सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि अधिकांश पंजीकृत लोग पर्वतीय जिलों के हैं। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा भी उपस्थित थे।

 

ग्राम प्रधानों की बढ़ेगी जिम्मेदारी

 

प्रदेश सरकार के पास पंजीकृत अधिकांश लोग पर्वतीय जनपदों के हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे में ग्राम प्रधानों को अधिकार दिया जाएगा। वापस लौटने वाले लोगों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी में प्रधान अहम रहेंगे और जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर होम क्वारंटीन या अन्य व्यवस्था को संचालित करवाएंगे।
दिल्ली से आएंगे 26 हजार से अधिक लोग…
 

सर्वाधिक दिल्ली से 26 हजार लोगों का पंजीकरण हो चुका है। सरकार के पास पहले से 35 हजार का डाटा था, लेकिन दो दिनों में ऑनलाइन और कॉल सेंटरों के माध्यम से हजारों लोगों ने पंजीकरण करवाया है। यह आंकड़ा आने वाले दिनों में और बढ़ेगा। दक्षिण भारत से भी कई लोगों ने पंजीकरण करवाया है।

 

शनिवार को जारी होगी एसओपी, अंतरजनपदीय आवाजाही भी शुरू

 

प्रदेश सरकार ने फंसे लोगों की वापसी सुनिश्चित करने के परिवहन निगम को निर्देश दे दिए हैं। राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले लोगों को लाने ले जाने की प्रक्रिया रविवार से शुरू होगी। इसके अलावा अन्य राज्यों से लाए जाने वाले लोगों के लिए प्रदेश सरकार शनिवार को एसओपी बना लेगी। इस एसओपी में प्रक्रिया तय की जाएगी कि किस तरह स्वास्थ्य जांच से लेकर होम या संस्थागत क्वांरटीन की व्यवस्था बनाई जाएगी। इसे दूसरे राज्यों के साथ साझा किया जाएगा, जिसके बाद बसों और ट्रेनों से वापसी करवाई जाएगी।

 

स्पेशल ट्रेन के लिए केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव…
दूसरे राज्यों में फंसे उत्तराखंडवासियों की घर वापसी के लिए केंद्र सरकार ने विशेष ट्रेन चलाने की अनुमति दी है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि जहां अधिक संख्या में लोग फंसे हैं, वहां के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने के प्रस्ताव केंद्र को जल्द भेजा जाएगा। त्रिवेंद्र सरकार प्रवासियों की सूची भी केंद्र को सौंपेगी।

 

राज्य से बाहर फंसे प्रवासियों को सुरक्षित घर लाने की व्यवस्था बनाई जा रही है। अधिकांश लोग पर्वतीय जनपदों के हैं, ऐसे में ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी बढ़ेगी। प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच करवाने के बाद उसे घर भेजा जाएगा। जहां जरूरत होगी होम और संस्थागत क्वारंटीन किया जाएगा। जनता से अपील है कि धैर्य बनाए रखें। सरकार सभी फंसे हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचाएगी। संख्या अधिक होने से इसमें थोड़ा समय लग सकता है। – त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री

 

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