
यूपी(UP) के विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार 10 हजार से अधिक बेघर परिवारों को पट्टे पर जमीन देने की तैयारी कर रही है। राजस्व परिषद ने इस संबंध में जिलाधिकारियों को संबंधित निर्देश दिए हैं। यह जमीन खेती करने वाले इच्छुक लोगों के काम आएगी। दरअसल, जिन परिवारों के पास रहने के लिए घर नहीं है, उन्हें ग्राम सभा की अनुपयोगी जमीन पट्टे पर देने की व्यवस्था है। भूमिहीन परिवारों को खेती के लिए जमीन भी पट्टे पर दी जाती है। साथ ही मछली पालन के लिए पट्टे पर तालाब और कुम्हारी कला से जुड़े लोगों को मिट्टी के लिए भी स्थल आवंटन की व्यवस्था है।

बात दे परिषद ने इस साल 10370 बेघर परिवारों को मकान के लिए जमीन पट्टे पर देने का लक्ष्य तय किया है। भूमिहीनों को 543 हेक्टेयर भूमि पट्टे पर दी जाएगी। वहीं खेती के लिए 1.26 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करा सकती है। गरीबों को आजीविका के लिए 3000 हेक्टेयर में फैले तालाब के मत्स्य पालन पट्टे देने का प्रस्ताव है। वहीं कुम्हारी कला के लिए 1355 स्थल पट्टे पर आवंटित किए जाएंगे।
ग्राम परिषद ने अनुपयोगी जमीनों को भूमि सुधार कार्यक्रमों के तहत पट्टे पर आवंटित करने के लिए जिलावार लक्ष्य तय कर दिया है। प्रदेश सरकार(UP Government) ने ग्राम सभा की जमीनों और सार्वजनिक संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का अभियान भी चला रखा है। जिसमें सार्वजनिक संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराना शामिल है।
पट्टे की सीमा
- मकान बनाने के लिए अधिकतम 1500 वर्ग फीट।
- खेती के लिए अधिकतम 1.26 हेक्टेयर।
- आधे एकड़ से अधिक व दो हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल के तालाबों के व्यक्तिगत पट्टे 10 साल के लिए दिए जाते हैं।
- दो हेक्टेयर से अधिक बड़े तालाबों के पट्टे समितियों के पक्ष में किए जाते हैं।
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