
दिलीप कुमार
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021-22 यानी इस वर्ष रेकॉर्ड तोड़ शराब की खरीददारी हुई है। जिस हिसाब से प्रदेशवासियों ने शराब पी है, उस हिसाब से देश के सारे राज्य पीछे छूट गए हैं। इसकी सत्यता के प्रमाणिकता की पुष्टि राज्य राजस्व से हो रहा है।

आपको बता दें कि 31 मार्च तक प्रदेश के आबकारी विभाग को कुल 6 हजार कारोड़ रूपये से अधिक राजस्व का इजाफा हुआ है। योगी सरका को आबकारी राजस्व से जबरजस्त फायदा हो रहा है। प्रदेश सरकार ने पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस वित्त वर्ष 2021-22 में 20 फिसदी ज्यादा राजस्व कमाया है।
आबकारी विभाग ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि आबकारी विभाग को वित्तीय वर्ष 2021-22 में 31 मार्च तक 36,208.44 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह राशि पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के मुकाबले 6147 करोड़ रूपये अधिक यानी 20.45 फीसदी अधिक राजस्व का इजाफा हुआ है।
आबकारी विभाग के अनुसार योगी सरकार के पहले कार्यकाल को दौरान वित्त वर्ष 2017-18 से 2020-21 के बीच शराब की 2,076 की नई दुकानों को लाइसेंस मिला था। ये लाइसेंस चार अलग-अलग तरह की खुदरा दुकानों के लिए जैसे देसी शराब, विदेशी शराब, बीयर शॉप और मॉडल शॉप के लिए दिए गए थे।
बता दें कि इससे पहले मार्च 2021 में भी शराब की कीमतो में वृद्धि की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के कारण कोविड में सेस लगाया था, जिसकी वजह से 10 रूपये से लेकर अधिकतम 40 रूपये की वृद्धि की गई थी।
गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार को 30,061.44 करोड़ रूपये का आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ था। आबकारी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने कहा कि विभाग ने अपने वादे के मुताबिक लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है।
मुख्य सचिव ने प्रदेश सरकार के आबकारी राजस्व में अप्रत्याशित इजाफा को उपलब्धी बताते हुए कहा कि यह उपलब्धि कोरोना की लगातार तीन लहरों में लंबे समय तक चले लॉकडाउन और रात्रिकालीन कर्फ्यू के बावजूद हासिल हुई है।