शाहजहांपुर में अनोखी प्रेम कहानी: बेटी के लिए रिश्ता ढूंढने गई मां ने कर ली होने वाले दामाद से शादी, बेटी ने कर दिया ये

शाहजहांपुर जिले के देवकली गांव में एक असामान्य प्रेम कहानी ने सभी को चौंका दिया है। यहां एक 45 वर्षीय विधवा महिला, जो अपनी 20 वर्षीय बेटी के लिए रिश्ता तय कर रही थी, अपने होने वाले दामाद, 23 वर्षीय युवक, से प्रेम में पड़ गई और मंदिर में उससे शादी कर ली। इस शादी को न केवल बेटी ने स्वीकार किया, बल्कि उसने अपनी मां को पहले शादी करने की सलाह दी, यह कहते हुए कि उसकी शादी बाद में हो जाएगी।

कलान तहसील के परौर थाना क्षेत्र के देवकली गांव की रहने वाली महिला के पति का तीन साल पहले निधन हो चुका है। वह अपनी ससुराल में चार बच्चों—तीन बेटों और एक बेटी—के साथ रहती थी। बेटी की शादी के लिए महिला ने 23 वर्षीय युवक, जो कृषि कार्य करता है, से रिश्ता तय किया था। शादी की तारीख और तैयारियों को लेकर महिला और युवक के बीच फोन पर बातचीत शुरू हुई। धीरे-धीरे यह बातचीत प्रेम में बदल गई।

बेटी को जब मां और होने वाले दूल्हे के रिश्ते का पता चला, तो उसने मां का समर्थन किया। उसने कहा, “पहले तू शादी कर ले मां, मेरी बाद में हो जाएगी।” चार दिन पहले दोनों पक्षों की सहमति से महिला और युवक ने गांव के एक प्राचीन मंदिर में जयमाला डालकर शादी कर ली। शादी के बाद महिला अकेले अपने गांव लौटी, और परिजनों ने इस बारे में खुलकर कुछ नहीं कहा।

यह शादी पूरे गांव और आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय बन गई है। कुछ लोग इसे सामाजिक परंपराओं के खिलाफ मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे मां के नए जीवन की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कई लोग बेटी के समर्थन को सराह रहे हैं, जो अपनी मां की खुशी के लिए अपनी शादी को पीछे रखने को तैयार हुई।

अलीगढ़ की समान घटना से तुलना

यह मामला अलीगढ़ जिले के मडराक थाना क्षेत्र में अप्रैल 2025 में हुई घटना की याद दिलाता है, जहां एक मां अपनी बेटी के मंगेतर राहुल के साथ शादी से 10 दिन पहले 5 लाख रुपये के गहने और 2.5 लाख रुपये नकद लेकर फरार हो गई थी। उस मामले में बेटी शिवानी ने गुस्से में कहा था, “मां ने मेरी शादी बर्बाद कर दी, अब वह जिए या मरे, मुझे फर्क नहीं पड़ता।” अलीगढ़ में महिला ने पुलिस को बताया कि पति की मारपीट और बेटी के आरोपों से तंग आकर वह राहुल के साथ चली गई थी। दोनों ने दादों थाने में सरेंडर कर साथ रहने की जिद की थी।

शाहजहांपुर मामले में अंतर

अलीगढ़ के विपरीत, शाहजहांपुर की इस घटना में बेटी और परिवार की सहमति ने इसे एक सकारात्मक मोड़ दिया। जहां अलीगढ़ में परिवार और बेटी ने इसे विश्वासघात माना, वहीं शाहजहांपुर में बेटी ने अपनी मां के फैसले का समर्थन किया। पुलिस की कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई, और मामला आपसी सहमति से सुलझ गया।

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