CM योगी को मंत्रियों ने सौंपी 75 जिलों की रिपोर्ट, जनता की शिकायतों को न सुनने का अधिकारियों पर लगाया आरोप

उत्तर-प्रदेश में बीजेपी की वापसी की वजहों में से एक बेहतर कानून-व्यवस्था भी रही है। हालांकि, योगी सरकार के पहले कार्यकाल में जनप्रतिनिधियों की शिकायतें अधिकारियों को लेकर भी थी। लगातार आरोप लगते रहे कि मंडल, जनपद, तहसील और ब्लॉक स्तर के अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करते। ऐसे में उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों का दौरा कर लौटे मंत्रियों के समूह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। जहां मुख्यमंत्री को मंत्री समूहों ने जो रिपोर्ट सौपी है उसमें मंत्रियों ने कहा है कि कई जिलो के अधिकारी न जनता की समस्या सुन रहे हैं न पार्टी पदाधिकारी की। करीब 30 ज़िलों के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई है। अधिकारियों में डीएम से लेकर थाना अध्यक्ष शामिल हैं। अब मंत्री समूहों की रिपोर्ट जिलों के नोडल अधिकारियों को सौंप दी गयी है, ताकि इस रिपोर्ट के अनुसार कार्यवाही हो सके।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लोकभवन में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में एक-एक कर सभी 18 मंत्री समूहों के अध्यक्षों ने अपने प्रभार वाले मंडलों की जनपदवार स्थिति के बारे में जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार मंत्री समूह मंडलीय भ्रमण के दौरान मंडलीय समीक्षा बैठक कर विकास परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया। कार्य की गुणवत्ता और समयबद्धता के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए। वहीं, महिला सुरक्षा के मामलों, एससी/एसटी के प्रकरणों में अभियोजन की स्थिति, पुलिस पेट्रोलिंग, बाल यौन अपराधों, व्यापरियों की समस्याओं, गैंगस्टर पर कार्रवाई आदि का विवरण प्राप्त करते हुए जीरो टॉलरेंस नीति के साथ बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए जरूरी निर्देश भी दिए। मंत्री समूहों ने भ्रमण के दौरान ‘जन चौपाल’ और ‘सहभोज’ के अनुभवों को भी साझा किया।

अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत

मंत्री समूह ने एक स्वर में केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं क्रियान्वयन की तारीफ की। साथ ही कहा कि जिलों में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है। मंत्री समूह के मुताबिक महिला सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और स्कूलों के कायाकल्प और पात्र लोगों को बिना भेदभाव मिल रहे मुफ्त राशन के विषय पर जनता में सकारात्मक माहौल है। मंत्रियों ने शिकायतों के निस्तारण की व्यवस्था को और बेहतर बनाए जाने की अपेक्षा भी जताई।

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