तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन का अमेरिका समेत 10 देशों के खिलाफ बड़ा फैसला

-एतारत अहमद

तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने 10 देशों के राजदूतों को अस्वीकार्य घोषित करने का बड़ा फैसला लिया है। अमेरिका, फ्रांस और फ़िनलैंड सहित 10 देशों ने तुर्की के एक्टिविस्ट ओस्मान कवाला को तुरंत रिहा करने की मांग की थी, जिसके बाद अर्दोआन का यह बड़ा फैसला सामने आया है। आपको बता दें कि ओस्मान कवाला फिलहाल जेल में हैं। उन पर तख़्तापलट की कोशिश करने और विरोध-प्रदर्शन का समर्थन करने के गंभीर आरोप हैं। हालांकि अभी तक यह आरोप उन पर साबित नहीं किये जा सके हैं। अस्वीकार्य घोषित 10 देशों में अमेरिका, जर्मनी, फ़्रांस, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, नॉर्वे और न्यूजीलैंड शामिल हैं, जो तुर्की के नेटो सहयोगी भी हैं।

अर्दोआन ने शनिवार (23 अकटूबर) को एक जनसभा में कहा कि दूसरे देशों से आकर राजदूत तुर्की को ‘आदेश देने का दुःस्साहस’ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा की मैंने विदेश मंत्रियों को ज़रूरी आदेश दिए हैं की इन 10 देशों के राजदूतों को अस्वीकार्य घोषित किया जाए। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने ओस्मान कवाला मामले में इन 10 राजदूतों को बयान का विरोध करते हुए उन्हें समन भेजा था। राजदूतों ने कहा था कि कवाला की रिहाई में देरी तुर्की के लोकतंत्र, न्यायिक व्यवस्था और क़ानून की छवि को धूमिल करता है।

ओस्मान कवाला को साल 2013 में देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में ओस्मान को पिछले साल सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था लेकिन 2016 में तुर्की में हुई तख़्तापलट की कोशिश और अर्दोआन सरकार को गिराने की कोशिश के आरोपों में ओस्मान कवाला को फिर से गिरफ़्तार कर लिया गया था। ओस्मान का मानना है कि उन्होंने कुछ ग़लत नहीं किया है। वहीं अर्दोआन का मानना है कि ओस्मान उन्हें सीधे निशाना बनाते हैं और उन प्रदर्शनों का मक़सद उनकी सरकार को गिराने का था।

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